scriptपहले तांगा चलाकर करते थे कमाई, अब 94 की उम्र में इस भारतीय ने 1 साल में कमाए 21 करोड़ | Do you know a famous company whose CEO is only 5th standard pass | Patrika News
कारोबार

पहले तांगा चलाकर करते थे कमाई, अब 94 की उम्र में इस भारतीय ने 1 साल में कमाए 21 करोड़

शायद पहली बार ऐसा सुनकर आपको हंसी आ जाए लेकिन यह हकीकत है। यहां हम बात कर रहे हैं महशियां दी हट्टी यानी एमडीएच मसाले के मालिक धर्मपाल गुलाटी की।

Jan 17, 2017 / 08:40 pm

balram singh

MDH

MDH

अगर आप किसी कंपनी के CEO के बारे में सुनते हैं तो संभवता सबसे पहले आपके दिमाग में एमबीए डिग्रीधारी और मिडिल एज के व्यक्ति की तस्वीर सामने आती होगी। लेकिन क्या आपको पता है कि एक भारतीय कंपनी के सीईओ केवल पांचवीं पास हैं और उनकी उम्र 94 साल की है। इसके बावजूद पिछले साल उनकी सालाना कमाई 21 करोड़ रुपये की रही।
शायद पहली बार ऐसा सुनकर आपको हंसी आ जाए लेकिन यह हकीकत है। यहां हम बात कर रहे हैं महशियां दी हट्टी यानी एमडीएच मसाले के मालिक धर्मपाल गुलाटी की।

जी हां, वही बुजुर्ग धर्मपाल गुलाटी जिन्हें आपने टेलीविजन पर एमडीएम मसाले का विज्ञापन करते देखा होगा। कंज्यूमर मार्केट के सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद एमडीएच के सीईओ धर्मपाल गुलाटी अपने जीवन में 94 बसंत देख चुके हैं और बावजूद इसके रोज अपना काम पूरी तल्लीनता के साथ करते हैं। 
एमडीएच मसाले के हर पैकेट पर इनका फोटो जरूर होता है और यही कंपनी के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। एमडीएच ने पिछले वर्ष कुल 213 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। कंपनी के सीईओ धर्मपाल गुलाटी के पास इसकी 80 फीसदी हिस्सेदारी है। 
आज एमडीएच के पोर्टफोलियो में 60 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें देगी मिर्च, चाट मसाला और चना मसाला की बिक्री सबसे ज्यादा होती है।

बता दें कि 1919 में सियालकोट मेें धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नीलाल ने पाकिस्तान के सियालकोट में एक छोटी सी मसालों की दुकान खोली थी। धर्मपाल का जन्म 27 मार्च 1923 को हुआ था। विभाजन के बाद वो दिल्ली आए। 27 सितंबर 1947 को जब वो दिल्ली आए तो उनकी जेब में केवल 1,500 रुपये थे। इनमें से भी 650 रुपये में उन्होंने एक तांगा खरीदा और दो आना प्रति सवारी के हिसाब से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड और करोल बाग से बारा हिंदु राव तक सवारी ढोईं।
इसके बाद उन्होंने करोल बाग स्थित अजमल खान रोड पर एक छोटा सा लकड़ी का खोखा (14X9 फीट) खरीदा और फिर से अपने पारिवारिक व्यवसाय यानी मसालों का व्यापार शुरू कर दिया। महशियां दी हट्टी नाम की इस दुकान पर उन्होंने लिखा सियालकोट की देगी मिर्च वाले।
बस फिर धीरे-धीरे और बड़े लक्ष्य पर नजर रखते हुए उन्होंने अपना काम जारी रखा और आज एमडीएच का साम्राज्य 1,500 करोड़ रुपये का हो गया है। इनमें 20 स्कूलों के साथ दिल्ली के जनकपुरी में उनकी मां के नाम पर माता चानन देवी सहायतार्थ के नाम से एक अस्पताल भी शामिल है। कंपनी का काम केवल भारत ही नहीं बल्कि दुबई और लंदन में मौजूद कार्यालयों के जरिये भी होता है और इसके उत्पाद करीब 100 देशों में भेजे जाते हैं।
अगर बात करें संभवता दुनिया के सबसे उम्रदराज और कम पढ़े लिखे सीईओ धर्मपाल गुलाटी की तो उनकी कमाई ने गोदरेज, हिंदुस्तान यूनिलिवर और आईटीसी कंपनी के सीईओ को भी पीछे छोड़ दिया है।

Home / Business / पहले तांगा चलाकर करते थे कमाई, अब 94 की उम्र में इस भारतीय ने 1 साल में कमाए 21 करोड़

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो