अर्थव्‍यवस्‍था

कंगाली का आलमः इस देश में कूड़े में फेंके जा रहे हैं नोट, 5 लाख के नोटाें की भी नहीं है कोर्इ अहमियत

इस देश में महंगार्इ का स्तर कुछ इस हद तक बढ़ गया है कि लोगों को मात्र एक किलो मीट खरीदने के लिए टोकरियां भरकर पैसे ले जाने पड़ रहे हैं।

Aug 21, 2018 / 04:12 pm

Ashutosh Verma

कंगाली का आलमः इस देश में कूड़े में फेंके जा रहे हैं नोट, 5 लाख के नोटाें की भी नहीं है कोर्इ अहमियत

नर्इ दिल्ली। करीब दो साल पहले भारत में हुर्इ नोटबंदी के दौरान आपने ये तो सुना होगा की कर्इ लोगोंअपने काले धन काे पानी में बहा दिया था। लेकिन दक्षिण अमरीका का एक एेसा भी देश है जहां लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमार्इ को कूड़े में फेक रहे हैं। ये कोर्इ आैर देश नहीं बल्कि दक्षिण अमरीकी देश वेनेजुएला है। इस देश में महंगार्इ का स्तर कुछ इस हद तक बढ़ गया है कि लोगों को मात्र एक किलो मीट खरीदने के लिए टोकरियां भरकर पैसे ले जाने पड़ रहे हैं। आपको बता दें कि वेनेजुएला फिलहाल हाइपर इंफ्लेशन के दौर से जूझ रहा है। पिछले कुछ समय में इस देश की महंगार्इ दर में करीब 10 लाख गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली है। यहां की महंगार्इ से निपटने के लिए सरकार ने करेंसी (बोलिवर) से 5 जीरो तक हटाने का फैसला किया है। इसका सीधा मतलब ये है कि अब करीब 5 लाख बोलिवर की नोट की अहमियत 5 बोलिवर के बराबर होगी।

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3000 गुना बढ़ने वाली है मजदूरी
यहां पर स्थिति ये है कि लाेगों को अपने नोट कुड़े तक में फेंकना पड़ रहा है। कभी वेनेजुएला अपने तेल के वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता था लेकिन अब यहां हर जगह नोट ही दिखार्इ दे रहे हैं। एक दौर था जब वेनेजुएला कच्चे तेल के मामले में सबसे समृद्घ माना जाता था। लेकिन अब वेनेजुएला सरकार की गलत नीतियों की वजह से अब यहां की अर्थव्यवस्था ढहने की कगार पर है। इस बात की अाशंका जतार्इ जा रही है कि इस साल के अंत तक वेनेजुएला के मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी में करीब 3,000 फीसदी का इजाफा हो जाएगा। सबसे चिंता की बात ये है कि निकट भविष्य में इस देश की अर्थव्यस्था में कोर्इ सुधार होने की संभावना नहीं दिखार्इ दे रही। बल्कि इसके उलट जानकारेों को अनुमान है कि ये स्थिति पहले से आैर खराब ही होगी।

Venezuela Economic Crisis

सोशलिस्ट सरकार के खिलाफ को रोड पर उतरेगी विपक्षी
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने नोटों से 5 जीरो को हटाने के साथ ये भी फैसला लिया है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दामों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक इजाफा किया जाएगा। इसके पहले यहां पर पेट्रोलियम पदार्थ बेहद की कम कीमत में मिल रहे थे जिससे दूसरे देशों में इसके तस्करी की खबर आर्इ थी। हालांकि इस मामले से जुड़े जानकाराें का कहना है कि राष्ट्रपति के इस कदम से स्थिति आैर भी खराब हो सकती है। वहीं विपक्षी दल सरकार पर बेहद नाराज है आैर मंगलवार को राष्ट्रव्यापी हड़तला को भी बुलाया है। विपक्षी दलों ने निकोलस मदुरो की सोशलिस्ट सरकार के खिलाफ लोगों से रोड पर उतरने का आग्रह किया है। इसके साथ ही एक दिन के लिए यहां के बैंकाें को भी बंद किया गया है जिससे की नए करेंसी नोटों को जारी ही नहीं किया जा सके।

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