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उन्होंने ट्वीट किया, “बहुग्रही जीवन संभव बनाने के लिए प्रतिवर्ष कई मेगाटन की जरूरत होती है।” ट्विटर पर मस्क के 3.07 करोड़ फॉलोवर्स हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “स्टारशिप डिजायन का लक्ष्य तीन उड़ानें प्रतिदिन की औसत दर, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 1,000 उड़ानें तो प्रति 10 जहाजों से कक्षा को एक मेगाटन की प्राप्ति होगी।” ऑर्बिटल स्टारशिप प्रोटोटाइप, डिजाइन्ड एसएन1 वर्तमान में स्पेस एक्स की टेस्ला इकाई में बन रहा है।
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उन्होंने कहा, “100 स्टारशिप्स प्रतिवर्ष बनाने से 10 वर्षो में 1,000 या 100 मेगाटन प्रतिवर्ष या एक लाख व्यक्ति पृथ्वी-मंगल की प्रति परिक्रमा पर पहुंचेंगे।” यह आदान-प्रदान प्रति दो वर्षो में एक बार होगा जब पृथ्वी और मंगल सबसे करीब होंगे। मस्क के अनुसार, स्पेस एक्स का लक्ष्य 2050 तक 10 लाख लोगों को मंगल ग्रह भेजना है।
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स्पेस एक्स ने पिछले साल सितंबर में नासा से मंगल ग्रह पर संभावित लेंडिंग साइट्स प्रदान करने का आग्रह किया था। स्पेस एक्स स्टारशिप (बीएफआर के नाम से प्रचलित) बना रहा है, जो मानवों को मंगल ग्रह पर पहुंचाने के लिए बनाया गया रीयूजेबल (दोबारा उपयोग करने योग्य) वाहन है।