चुनाव परिणाम का पड़ेगा असर
अमरीका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव तथा चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी निवेशकों ने यह निकासी की है। आपको बता दें कि इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ( FPI ) ने फरवरी, मार्च और अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,182 करोड़ रुपए, 45,981 करोड़ रुपए तथा 16,093 करोड़ रुपए के निवेश किए थे।
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डिपॉजटरी आंकड़े से मिली जानकारी के अनुसार
डिपॉजटरी आंकड़े के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2 से 10 मई के दौरान शेयरों में 1344.72 करोड़ रुपए निवेश किए, जबकि दूसरी तरफ बांड बाजार से शुद्ध रूप से 4,552.20 करोड़ रुपए की निकासी की है। इस प्रकार शुद्ध रूप से 3,207.48 करोड़ रुपये की पूंजी निकाली गई।
3,207.48 करोड़ रुपए की निकासी
इस प्रकार शुद्ध रूप से 3,207.48 करोड़ रुपए की पूंजी निकाली गई है। महाराष्ट्र दिवस के मौके पर बाजार एक मई को बंद था। बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा प्रमुख (निवेश विश्लेषक) आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘‘देश के लिये दीर्घकालीन वृद्धि की संभावना बनी हुई है लेकिन मई में अल्पकालीन चुनौतियां देखने को मिली।’’
विदेशी निवेशक पिछले तीन से लगा रहे थे पैसा
ग्रो डाट इन के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि विभिन्न विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति रुख में बदलाव के बाद विदेशी निवेशक पिछले तीन महीने से भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से लिवाल रहे। हालांकि हाल में अमरीका-चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने तथा चुनाव के नतीजे को लेकर अनिश्चिता तथा अन्य कारणों से निवेशकों ने इस महीने बाजार से पैसे निकाले।
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