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बैंकों ने तीन साल में देश के नीरव मोदियों से वसूले 222 अरब रुपए

सरकारी बैंकों ने गैर निष्पादित परिसंत्तियों में शामिल करीब 222 अरब रुपए के कर्ज वन टाइम सेटलमेंट के जरिए रिकवर किए हैं। यह रिकवरी 24 लाख से ज्यादा खातों से बीते तीन साल में की गई है।

Aug 07, 2018 / 11:27 pm

Saurabh Sharma

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बैंकों ने तीन साल में देश के नीरव मोदियों से वसूले 222 अरब रुपए

नई दिल्ली। मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे देश में काफी संख्या में है। जिन्होंने बैंकों से लाखों करोड़ों रुपया लेकर वापस नहीं किया है। अगर तीन लोगों को अलग कर दिया जाए तो देश में कर्इ छोटे-छोटे नीरव, मेहुल आैर माल्या मिल जाएंगे। जो भले ही देश से भागे नहीं है, लेकिन बैंकों का रुपया अपने पास रखा हुआ है। अब जो आंकड़ा सामने आया है वो ये है कि पिछले तीन सालों में इन छोटे-छोटे नीरव मोदियों से बैंकों ने 222 करोड़ रुपया वसूल लिया है। आइए आपको भी बताते हैं किन बैंकों ने किस तरह से अपना फंसा हुआ रुपया वसूला है।

24 लाख खातों से की गर्इ वसूली
सरकारी बैंकों ने गैर निष्पादित परिसंत्तियों में शामिल करीब 222 अरब रुपए के कर्ज वन टाइम सेटलमेंट के जरिए रिकवर किए हैं। यह रिकवरी 24 लाख से ज्यादा खातों से बीते तीन साल में की गई है। जानकारों की मानें तो बैंकों की आेर से बड़ी उपलब्धि है। उसके बाद भी काफी रुपया बैंकों लोगों के पास बाकी है। जिन्हें बैंको से वसूलना है।

इन बैंकों ने वसूला इतना कर्ज
लोकसभा में पेश की गई जानकारी के मुताबिक बैंकों ने वित्त वर्ष 2015-16 में 64.6 अरब रुपए वन टाइम सेटलमेंट के तहत रिकवर किए। इसी तरह 2016-17 में 67.8 अरब रुपए रिकवर किए गए। वित्त वर्ष 2018-18 में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 13.75 अरब रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 10.87 अरब रुपए और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 8.28 अरब रुपए रिकवर किए। लोकसभा को दी गई जानकारी में भारतीय स्टेट बैंक समूह के बैंकों और आइडीबीआर्इ की रिकवरी के आंकड़े शामिल नहीं हैं।

बड़े मगरमच्छ अभी भी दूर
इस आंकड़े को लोकसभा में पेश किया है। ताकि देश को संदेश दिया जा सके कि बैंकों आैर सरकार की आेर से अपना रुपया वापस निलवाने में सक्षम है। वैसे सरकार आैर बैंकों का सफर अभी बहुत लंबा है। क्योंकि जिन लोगों को बैंकों ने अपने जाल में लिया है वो तालाब की छोटी-छोटी मछलिया हैं। समुद्र के बड़े मगरमच्छ अभी सरकार आैर बैंकों की पहुंच से काफी दूर हैं।

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