इसके साथ ही कई छात्रों ने युक्रेन में पढ़ने के लिए लोन भी लिया था। युद्ध के कारण उनकी पढ़ाई तो बीच में अटक ही गई है इसके साथ ही उनके उपर लाखों रूपए का एजुकेशन लोन भी चढ़ा हुआ है। उनके हाथ न तो डिग्री लगी है और पढ़ाई भी चौपट हो गई है। जिसके कारण उनके बारे में सरकार भी विचार कर रही है।
121 करोड़ रूपए का एजुकेशन लोन है बाकी
वित मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को सदन में बता चुकी हैं कि युक्रेन से भारत लौटे छात्रों पर लगभग 121 करोड़ रूपए का एजुकेशन लोन बाकी है। सरकार की ओर से बताया गया है कि यूक्रेन से लोटे छात्रों में से 1319 छात्रों ने लोन ले रखा है। जिनपर 121.6 करोड़ का लोन बकाया है। यह डेटा 31 दिसंबर 2021 तक का है, जिसमें 21 प्राइबेट बैंको के तरफ से जानकारी दी गई है।
छात्रों के उपर बाकी एजुकेशन लोन को लेकर सरकार की ओर से बताया गया है कि सरकार अभी यूक्रेन क्राइसिस से प्रभावित लोगों के बारे में आकलन कर रही है हालात सामान्य हो जाने के बाद इस दिशा में भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। लोकसभा में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह ने इसके बारे में सवाल उठाया था जिसका खुद वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने जबाब दिया।