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बंद हो सकता है आपका चेकबुक, अब ऐसे करना होगा लेन-देन

आने वाले दिनो में सरकार बंद कर सकती है चेकबुक सुविधा।

Nov 17, 2017 / 06:05 pm

manish ranjan

Cheque

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही सरकार लगातार कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है। अब ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में सरकार एक और बड़ा कदम उठा सकती है। पिछले कुछ समय से सरकार कैशलेस अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह के कदम उठा रही है, जैसे के्रडिट कार्ड और डेबिट कार्ड सहित मोबाइल वॉलेट को बढ़ावा देना। अब शंका इस बात की है कि आने वाले दिनो में सरकार चेकबुक सुविधा को भी बंद कर सकती है। इसके बाद से लोगों को चेक के बजाए ऑनलाइन कैश ट्रांसफर करने के लिए कहा जा सकता है।


नोटों की छपाई और सुरक्षा पर करना पड़ता है करोड़ों रुपए

अखिल भारतीय व्यापारी संघ (सीएआईटी) के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए हो सकता है कि सरकार आने वाले दिनों में बैंक चेक की सुविधा को बंद कर दे। गौरतलब हो कि सरकार को प्रतिवर्ष 25000 करोड़ रुपए सिर्फ नोटों की छपाई पर खर्च करना पड़ता है और इसके साथ ही नोटों की सुरक्षा पर भी सरकार को 6,000 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता है। ऐसे में पूरी तरह से कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने से सरकार द्वारा इस खर्च को बचाया जा सकता है। हालांकि देश को 100 फीसदी कैशलेस बनने का सपना इतना आसान नहीं होगा।


ट्रांजैक्शन चार्ज के बोझ को करना होगा कम

चेकबुक की सुविधा बन्द होने से लोगों को ट्रांजैक्शन चार्ज का बोझ उठाना पड़ सकता है। फिलहाल एक चुकबुक के लिए बैंक अपने ग्राहकों से मामूली चार्ज लगाते हैं वहीं इसकी तूलना में प्रति ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर लगने वाला चार्ज बहुत अधिक है। ऐसे में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देेने के लिए सरकार को इस पर लगने वाले चार्ज को पूरी तरही से खत्म करना होगा या इसे कम करना होगा।


देश में लोगों को पास लगभग 80 करोड़ एटीएम कार्ड है, जिनमें से मात्र पांच फीसदी कार्ड ही किसी भी तरह के डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होते हैं। वहीं बाकी के 95 फीसदी एटीएम कार्ड लोगों द्वारा सिर्फ कैश निकालने के लिए प्रयोग किया जाता है।

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