प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुधवार को सरकार के आर्थिक फैसलों के बचाव और गुरुवार को अरुण जेटली और अमित शाह से मुलाकात के बाद जीएसटी को लेकर कई बड़े फैसलों की उम्मीद की जा रही है। माना जा रहा है कि केरल में अपनी महत्वपूर्ण पदयात्रा को बीच में छोड़कर दिल्ली आए अमित शाह ने बैठक के दौरान पीएम मोदी को जमीनी हकीकत के बारे में बताया। जेटली ने इंडिया इकॉनोमिक समिट में अपने प्रस्तावित भाषण को छोड़ दिया है। पीएमओ के सूत्रों का कहना था कि यह रूटीन बैठक ही थी। बैठक की पूरी जानकारी नहीं अभी पता नहीं चल पाई है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बैठक में जीएसटी से संबंधित लोगों की शिकायतों पर विस्तार से चर्चा की गई।
मोदी सरकार की ओर से सीमांत एवं लघु उद्योगों को बड़ी राहत दी जा सकती है। जिनके बारे में माना जा रहा है कि इन पर जीएसटी का सबसे ज्यादा असर हुआ है। केंद्र एवं राज्य सरकार के वित्त मंत्रियों की बैठक में 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न की अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा कंपोजीशन स्कीम के लिए भी 75 लाख की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये किया जा सकता है। इससे छोटे कारोबारियों को मदद मिलेगी और वह बिना तीन स्तरीय फाइलिंग प्रक्रिया के रिटर्न भर सकेंगे। बुधवार को भी पीएम मोदी ने जीएसटी में छोटे कारोबारियों को राहत देने के संकेत दिए थे।
रविवार को ही राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया था कि जीएसटी काउंसिल में छोटे कारोबारियों और निर्यातकों को राहत दिए जाने के संकेत दिए थे। गौरतलब है कि दशहरे के अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी सरकार को छोटे कारोबारियों और किसानों के हितों का ख्याल रखने की सलाह दी थी।