सूत्रों ने यह भी बताया कि नूडल्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए जिस केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी भी सीमा तय की गई है। पैकेजिंग, पोषक तत्व, स्वास्थ्य दावे आदि को लेकर भी अलग-अलग नियम बनाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पहले नेस्ले की मैगी का लैब में टेस्ट कराया गया था।
मैगी में लेड की मात्रा तय मानकों से ज्यादा थी जिसकी वजह से उस पर प्रतिबंध भी लगा था। हाईकोर्ट ने एफएसएसएआई से नूडल्स के नियम-कानून मांगे थे पर एफएसएसएआई किसी भी तरह के नियम-कानून पेश नहीं कर सका था।