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ब्याज दर की तुलना- गोल्ड लोन लेने से पहले ब्याज की तुलना जरूर करनी चाहिए । दरअसल गोल्ड लोन पर कुछ कर्जदाता फ्लोटिंग और कुछ फिक्स्ड रेट से ब्याज लेते हैं। ऐसे में आपके लिए थोड़ा रिसर्च वर्क जरूरी हो जाता है। गोल्ड पर इंटरेस्ट 8.85% से 29% फीसदी सालाना तक हो सकता है। RBI के अनुसार, LTV रेशियो यानी लोन टू वैल्यू अनुपात गोल्ड की कीमत का 75 फीसदी तक हो सकता है।एलटीवी रेशियो ऊंची होने का मतलब लोन में जोखिम में अधिक है। ऐसे में ऊंची ब्याज दरों से बचने के लिए उस लेंडर को चुनें जो ऊंचे एलटीवी रेशियो पर कम ब्याज दर वसूलता है।
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EMI ध्यान से बनवाएं- गोल्ड लोन की अवधि 7 दिन से 4 साल तक की हो सकती है। अपनी रिपेमेंट क्षमता के आधार पर लोन की अवधि का चयन करना चाहिए।
प्री-पेमेंट चार्ज नहीं चेक करना- गोल्ड लोन के मामले में अधिकांश लेंडर प्री-पेमेंट फीस नहीं वसूलते हैं। प्री-पेमेंट का अहम मकसद ब्याज का खर्च बचाना होता है। गोल्ड लोन लेते समय ऐसे लेंडर को चुनें जो कम से कम या शून्य प्री-पेमेंट फीस वसूलता हो।
प्रोसेसिंग फीस – कर्जदाता लोन की रकम के आधार पर प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं। आमतौर पर यह लोन की रकम का 0.10%-2% होता है। लोन की रकम बड़ी होने पर प्रोसेसिंग फीस भी अधिक हो जाती है।