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नोटबंदी पर जनता का दुख तो देख लिया यहां जानिए ATM में कैश डालने वाले स्टाफ का दर्द, सोते हैं टैंट लगाकर

अभी जो हाल एटीएम से कैश निकालने के लिए घंटों लंबी कतारों में लगने वाले लोगों की है, वैसा ही हाल एटीएम तक पैसा पहुंचाने वाले स्टाफ का भी है।

उदयपुरNov 15, 2016 / 11:12 am

santosh

देश भर में एटीएम के मुकाबले कैश लॉजिस्टिक के काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है। इसी वजह से पिछले तीन दिनों से ये कर्मचारी अपने घर तक नहीं जा पा रहे हैं। ये लोग लगातार दो शिफ्टों में काम करके देश के 2 लाख एटीएम तक कैश पहुंचा रहे हैं। 
ये था सबसे बड़ा चैलेंज

इन कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था कि 1 एक दिन के अंदर ही देश के सारे एटीएम से 500 और 1 हजार के नोट निकालकर वापस लाना और अगले दिन इन एटीएम में वापस पैसा डालना। कैश लॉजिस्टिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और फिक्की की प्राइवेट सिक्यॉरिटी के को-चेयरमैन रितुराज सिन्हा के मुताबिक 40 हजार कर्मचारी 8800 कैश वैन के जरिए देश के दो लाख एटीएम तक पैसा पहुंचा रहे हैं।
दो गुना हो गया काम

नोटबंदी से पहले जहां केवल एक दिन में 35,000 एटीएम में कैश भरना पड़ता था। वहीं, अब एक दिन में 70,000 एटीएम में पैसा भरना पड़ रहा है। पहले एक एटीएम से कैश निकालने के लिए पूरे दिन में केवल 100 के आसपास लोग आते थे। अब कैश निकालने के लिए हजारों लोगों की लाइनें लगी हुई हैं। जैसे ही कैश डालकर जाते हैं दो घंटे में कैश खत्म हो जाता है।
 रातभर कैश के पास ही सो रहे हैं

हालात ये हैं कि कर्मचारी टेंट लगाकर रातभर कैश के पास ही सो रहे हैं। कैश को बक्सों में भरकर कैश वैन के जरिए एटीएम तक पहुंचा रहे हैं। 
इसलिए बढ़़ी परेशानी

सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि एटीएम में सिर्फ 100 के ही नोट डाले जा रहे हैं। चूंकि सॉफ्टवेयर और एटीएम के कोड नहीं बदले गए हैं, इसलिए 100 रुपए से ज्यादा के नोट नहीं डाले जा सकते हैं। 
1000 और 500 के नोट चलने के कारण पहले एक एटीएम तक 40 लाख रुपए तक डाले जा सकते थे, लेकिन अभी 100 के नोट होने के कारण 5 लाख से 8 लाख तक ही नोट डाले जा रहे हैं। इस लिए भी एटीएम दो घंटे के अंदर खाली हो जा रहे हैं।

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