सूचकांक (इंडेक्स) के अनुसार, पिछली तिमाही यानी वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही की रैंकिंग से इस बार की तीसरी तिमाही की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं आया है। क्योंकि भारत दूसरी तिमाही में भी 56 देशों के बीच 54वें स्थान पर था। ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स में सरकारी आंकड़ों के जरिए मेनस्ट्रीम रेजीडेंशियल प्राइस का विश्लेषण किया जाता है। इस इंडेक्स में 2020 की तीसरी तिमाही में तुर्की शीर्ष पर है, जहां घरों की कीमत साल-दर-साल आधार पर 27.3 प्रतिशत बढ़ी है।
तुर्की के बाद दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड है, जहां मकानों की कीमत एक साल में 15.4 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं 13.4 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ लक्जमबर्ग तीसरे स्थान पर है। मोरक्को इस इंडेक्स में सबसे नीचे है, जहां एक साल में मकानों की कीमत 3.3 प्रतिशत गिरी है। रिपोर्ट के अनुसार, आयरलैंड, स्पेन, भारत और हांगकांग में दाम की दर (प्राइस ग्रोथ) सबसे कम रही है।
नाइट फ्रैंक इंडिया की हाल की एक अन्य रिपोर्ट (इंडिया रियल एस्टेट अपडेट, जुलाई-सितंबर 2020) में भारत के आठ प्रमुख शहरों के रिहायशी और ऑफिस मार्केट के बारे में कहा गया है कि तिमाही-दर-तिमाही आधार पर वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में घरों की बिक्री में 2.5 गुना बढ़ोतरी के साथ इनकी संख्या 33,403 यूनिट्स (कुल घर) रही, जो कि इसी वर्ष की दूसरी तिमाही में 9,632 यूनिट्स थी। नई रिहायशी यूनिट तीसरी तिमाही में 4.5 गुना बढ़कर 31,106 यूनिट्स पर पहुंच गई, जो दूसरी तिमाही में 5,584 यूनिट्स थी।
रिपोर्ट के मुताबिक सभी 56 देशों और क्षेत्रों के मुख्यधारा के आवासीय मूल्यों (औसत मेनस्ट्रीम रेजीडेंशियल प्राइस) में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर मामूली गिरावट दर्ज की गई। तीसरी तिमाही में दाम में बढ़ोतरी की औसत दर 4.5 प्रतिशत रही, जबकि दूसरी तिमाही में इन देशों और क्षेत्रों में घरों के दाम औसत 4.7 प्रतिशत बढ़े थे।
रिपोर्ट में जितने भी देश और क्षेत्र सर्वेक्षण में शामिल किए गए हैं, उनमें से 16 प्रतिशत जगहों पर सालाना प्राइस ग्रोथ में कमी आई है। जून तिमाही में बहुत सारे हाउसिंग मार्केट्स फ्रीज थे और 2020 की तीसरी तिमाही में इन जगहों पर बिक्री और कीमत में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। ऐसी जगहों में न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। जबकि चीन, फ्रांस और जर्मनी जैसी कुछ जगहों पर बिक्री और कीमत पर काफी कम असर देखने को मिला।