विश्लेषकों के अनुसार पिछले 6 महीनों में बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी हैं, ऐसे में ब्याज दर में कटौती की जा सकती है। एक अंग्रेजी अखबार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों के बारे में अनुमान लगाने के लिए 25 वित्तीय प्रोफेशनल्स से बात की। इनमें से 84 फीसदी विश्लेषकों ने कहा कि इस साल ईपीएफ दर में कमी आएगी।
लोन लेने वालों को रिजर्व बैंक ने दी बड़ी सौगात
वहीं, 64 प्रतिशत का मानना है कि छोटी बचत योजनाओं की दरों में कमी आनी तय है। हालांकि, 32 प्रतिशत का मानना था कि यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, इसलिए सरकार हर तीन महीने पर इनकी दरों की समीक्षा नहीं करेगी।