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MAGGI की 550 टन की भारी भरकम ‘खेप’ की जाएगी नष्ट, जाने आखिर क्या है वजह?

नेस्ले इंडिया मैगी के इस स्टॉक को नष्ट करना चाहती थी, लेकिन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मैगी में कुछ खतरनाक रसायनों की अधिक मात्रा पाए जाने के मामले में चल रही जांच के सुबूत के तौर पर इस स्टॉक को नष्ट करने पर आपत्ति दर्ज कराई थी।

Oct 03, 2016 / 06:25 pm

Nakul Devarshi

उच्चतम न्यायालय ने 550 टन मैगी नष्ट करने संबंधी नेस्ले इंडिया की याचिका सोमवार को स्वीकार कर ली। शीर्ष अदालत ने उपयोग की अंतिम अवधि पार कर चुके 550 टन मैगी को नष्ट करने की अनुमति दे दी। 
नेस्ले इंडिया मैगी के इस स्टॉक को नष्ट करना चाहती थी, लेकिन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मैगी में कुछ खतरनाक रसायनों की अधिक मात्रा पाए जाने के मामले में चल रही जांच के सुबूत के तौर पर इस स्टॉक को नष्ट करने पर आपत्ति दर्ज कराई थी।
खाद्य विभाग की इस आपत्ति को न्यायालय ने ठुकरा दिया। दरअसल, इस मामले में कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पैरवी करते हुए कहा कि देश में 39 स्थानों पर रखे ये स्टॉक स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक हो सकते हैं। इनकी उपयोग की तारीख भी बीत चुकी है। 
साल्वे ने बताया कि कंपनी पहले भी अपने विभिन्न केंद्रों से वापस आई 38,000 टन मैगी को सीमेंट प्लांट में ईंधन के रूप में जलाकर नष्ट कर चुकी है । 

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