किसान के वैकल्पिक रोजगार की कोर्इ बात नहीं
किसान नेता यशपाल मलिक ने कहा कि पांच साल तक ब्याज मुक्त एक लाख के लोन का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि एक एकड़ के से नीचे वाले किसानों को एक लाख रुपए का ऋण मिलेगा। और एक एकड़ से नीचे वाला किसान एक लाख रुपए तक की उपज पैदा ही नहीं कर पाएगा। ऐसे में इस ऐलान का क्या फायदा। पार्टी को किसानों के लिए वैकल्पिक रोजगार की घोषणा करनी चाहिए थी। सरकार को सोचना चाहिए था कि जब देश का किसान खाली बैठता है तब उनके लिए दूसरे रोजगार पैदा किए जाएं। सरकार कहती है कि किसानों की आय बढ़ाएंगे। लेकिन सरकार की ओर अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया जिससे उनकी आय में इजाफा हो। किसानों को अब वैकल्पिक रोजगार की जरुरत है। दिन भर में कुछ घंटे खेतों में रहने के बाद किसान काफी समय तक खाली बैठा रहता है। उसके बाद उसे दूसरा रोजगार मिले तो उसकी आमदनी में अपने आप इजाफा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था से किसानों की निर्भरता को थोड़ा कम किया जाना काफी जरूरी है। उन्होंने आगे कहा
मांगों पर नहीं मैनिफेस्टो पर होगा ‘किसान आंदोलन’
वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ने जो किसानों के लिए वादे किए हैं वो काफी अच्छे हैं। सवाल तो ये है कि इनमें से कितने पूरे होंगे। संगठन की ओर से बीजेपी और कांग्रेस दोनों को अपने-अपने घोषणा पत्रों में शामिल करने के लिए अपनी मांगे सौंपी थी। दोनों पार्टियों ने अपने-अपने घोषणा पत्रों शामिल मांगों को शामिल भी किया है। अब सरकार किसी भी पार्टी या गठबंधन की बने, घोषणा पत्र पर किए वादों पर काम नहीं होता है तो आंदोलन उन घोषणापत्रों पर ही किया जाएगा।