पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि वॉलमार्ट का बैक डोर से काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, वॉलमार्ट का इतिहास बहुत अच्छा नहीं है।
•May 10, 2018 / 10:41 am•
Saurabh Sharma
नई दिल्ली। Flipkart-Walmart Deal देश के रिटेल व्यापारियों के निशाने पर तो थी ही अब देश की स्थानीय एफएमसीजी कंपनियों की ओर से भी विरोध शुरू हो गया है। देश की सबसे उभरती हुई स्थानीय एफएमसीजी कंपनी ने वॉलमार्ट पर निशाना साधा है। साथ विवादित बयान देते हुए एक नए सवाल को खड़ा कर दिया है। आइए आपको भी बताते हैं कि इस डील और वॉलमार्ट पर पतंजलि का क्या कहना है…
पंतजलि का विवादित बयान
Flipkart-Walmart Deal पर देश में सबसे तेजी से बढ़ रही एफएमसीजी कंपनी पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि वॉलमार्ट का बैक डोर से काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड है। वॉलमार्ट का इतिहास बहुत अच्छा नहीं है। उनके इस विवादित बयान ने एक और सवाल को खड़ा कर दिया है। वॉलमार्ट के आने के बाद से पतंजलि का क्या होगा? स्वदेशी एफएमसीजी कंपनी पतंजलि को सपोर्ट करने वाली सरकार अब क्या करेगी? क्योंकि वॉलमार्ट के आने से पतंजलि को नुकसान होना तय है। आपको बता दें कि पतंजलि देश में सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनने के लिए कई हजार करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। साथ कई कंपनियों के साथ पतंजलि ने करार भी किया है।
देश की जनता तय करेगी वॉलमार्ट का भविष्य
वहीं पतंजलि के एमडी बालकृष्ण यहीं नहीं रुके। उन्होंने वॉलमार्ट को निशाने पर लेते हुए कहा कि देश की जनता तय करगी कि वॉलमार्ट चलेगा या नहीं। उन्होंने बढ़ते कांप्टीशन पर कहा कि पतंजलि हर चुनौती के लिए तैयार है। एक ब्रांड के चलते बड़ा नुकसान ठीक नहीं है। ऐसे में इस डील से रिटेलरों को नुकसान होगा।
इन्होंने भी किया विरोध
कंफैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सैक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल की मानें तो वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील से वॉलमार्ट जैसी कम्पनियां दुनिया में से कहीं से भी सामान लाएंगी और देश को डंपिंग ग्राऊंड बना देंगी। भारतीय रिटेलर्स के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड बराबर का नहीं रहेगा और वे कम्पीटिशन में पिछड़ जाएंगे। देश में इस वक्त लगभग 7 करोड़ रिटेलर्स हैं। जिनको काफी नुकसान होगा। साथ देश में 6 लाख से ज्यादा नौकरियों पर संकट छा जाएगा।
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