सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ तेल कम्पनियाँ एक ऐसे फॉर्मूले पर प्लान कर रहीं हैं जिसमे कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर रोज़ाना ही पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें निर्धारित हों। इस तरह का फार्मूला कुछ विकसित देशों में पहले ही अपनाया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक़ अगर ये फॉर्मूला शुरू किया जाता है तो सरकारी तेल कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार रोज़ाना पेट्रोल-डीज़ल कीमतों की समीक्षा करनी होगी, जिसके बाद कीमतें निर्धारित की जाएंगी। पेट्रोलियम कंपनियों से जुड़े कुछ उच्चाधिकारियों ने भी इस बात कि अंदरखाने पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक़ भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन आयल कॉर्पोरेशन कंपनियों के आला अधिकारियों ने इस सिलसिले में एक समीक्षा बैठक भी की है, जिसपर इस फॉर्मूले को किस तरह से लागू किया जा सकता है पर विचार किया गया।
इन कंपनियों के अधिकारियों का ये भी कहना है कि इस बात को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुताबिक़ और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात की। हालांकि इस ओर कदम बढ़ाने में कई तरह की व्यावहारिक चुनातियाँ आ सकती हैं, जिसे दूर करने पर मंथन किया जा रहा है।