दिहाड़ी मजदूर से अब बन गई 7 लाख की मालकिन
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (PMEGP) को साल 2008-09 में शुरु किया था। इस योजना के जरिए12 लाख या उससे अधिक का लोन लेकर अपने खुद का करोबार शुरु किया जा सकता हैं। इसमें सरकार भी आपकी सहायता करती है। इसी योजना का लाभ पपना मनी चांदना को भी हुआ। चांदना अपना काम शुरु करना चाहती थी। जब चांदना को इस योजना के बारे में पता चला तो वो अपने पति पपना नरसिम्हाराव के साथ जिला उद्योग केंद्र पहुंची और लोन के लिए अप्लाई कर दिया।
शुरुआत में आई परेशानियां जैसा की शुरुआती करोबार में सबके साथ होता है वैसा ही चांदना के साथ भी हुआ। चांदना को शुरुआत में करोबार चलाने में परेशानियां हुई। लेकिन चांदना ने हार नहीं मानी और आखिरकार आज वो हर साल सात लाख रुपए की कमाई कर लेती हैं। चांदना की तनख्वाह और बाकी खर्च निकालने के बाद कम से कम हर महिने 50 से 60 हजार रुपए बच जाते हैं। चांदना ने करोबार शुरु करने से पहले कई लोगों से इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट के बारे में जाना। फिर उद्योग केंद्र ने भी चांदना की मदद की। उद्योग केंद्र ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में न सिर्फ चांदना की मदद की बल्कि वहीं उसे इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट चलाने की ट्रेनिंग भी दी और फिर चांदना ने 12 लाख रुपए का लोन लेकर अपनी खुद की यूनिट तैयार कर ली।
हर साल कमाती है 7 लाख रुपए अगर आज के समय की बात की जाए तो चांदना हर साल न सिर्फ 7 लाख रुपए कमा रही हैं, बल्कि वह आठ महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। चांदना को इंसटेंट चपाती व पूड़ी मेकिंग यूनिट शुरू करें तीन साल हो गए हैं। अब चांदना महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। इतना ही नहीं सरकार भी चांदना की सराहना करने में लगी हैं। सरकार अपनी PMEGP योजना को सफल बनाने और लोगों को PMEGP से लोन लेकर खुद का करोबार शुरु करने के लिए प्रेरित कर रही है।