दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया है कि कोरोना संकट के बीच नौकरी गंवाने वालों को 2022 तक पीएफ दिया जाएगा। यानी कि जिन लोगों ने इस महामारी के दौरान अपनी नौकरी गंवाई है, उन सभी के ईपीएफओ (EPFO) अकाउंट में मोदी सरकार 2022 तक पीएफ (PF) का अंशदान जमा करेगी। वित्त मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनकी सैलरी 15,000 से कम थी और EPFO में रजिस्ट्रेशन है।
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सिर्फ ऐसे लोगों को ही मिलेगा लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले इस लाभ को लेने के लिए EPFO में रजिस्ट्रेशन जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों के लिए 2022 तक नियोक्ता के साथ-साथ कर्मचारी के पीएफ हिस्से का भुगतान करेगी, जिनकी नौकरी चली गई, लेकिन उन्हें औपचारिक क्षेत्र में छोटे पैमाने की नौकरियों में काम करने के लिए फिर से बुलाया गया है। साथ ही इन यूनिट्स का EPFO में रजिस्ट्रेशन होने पर ही इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा।
सरकार ने बढ़ाया मनरेगा का बजट
कोरोना संकट की वजह से लोगों के सामने रोजगार के संटक खड़े हो गए हैं। लिहाजा, केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने के मद्देनजर मनरेगा के बजट में बढ़ोतरी की है। सरकार ने मौजूदा 60 हजार करोड़ रुपये के बजट से बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि किसी जिले में अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले 25,000 से अधिक प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थान पर लौटते हैं तो उन्हें रोजगार के लिए 16 केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलेगा। 2020 में हमने COVID के कारण मनरेगा बजट को 60,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में राशन कार्ड से मिलने वाले राशन को 8 महीने तक मुफ़्त दिया गया। ग़रीबों को 3 सिलेंडर मुफ्त दिए गए।