आरबीआई ने जवाब देते हुए कहा, ‘ नोटों के आकार, मैटेरियल, डिजाइन और सिक्योरिटी फीचर्स के बारे में पहले से उपलब्ध जानकारियों से इतर डिटेल्स को आरटीआई एक्ट, 2005 के सेक्शन 8 (1) (ए) की डिसक्लोजर की शर्तों से छूट मिली हुई है।’ लिहाजा यह सेक्शन ‘ऐसी सूचना की जानकारी पर रोक लगाता है, जिनसे भारत की संप्रभुता और अखंडता, सुरक्षा, सामरिक, वैज्ञानिक या सरकार के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचता है’ हालांकि आरबीआई से उस ऑर्डर, कम्युनिकेशन, लेटर या नोट शीट की एक कॉपी भी मांगी गई थी, जिसके माध्यम से 500 और 2000 रुपए के नए नोटों पर स्वच्छ भारत अभियान के लोगो और संदेश ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’ की प्रिंटिंग का फैसला लिया गया था।
यह आरटीआई फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधीन आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (डीईए) में फाइल की गई थी। यह डिपार्टमेंट करंसी, कॉइन्स और सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट्स के संबंध में पॉलिसी तैयार करता है और उनकी प्रिंटिंग से जुड़े मुद्दों पर प्लानिंग और कोऑर्डिनेशन जैसे काम संभालता है। डीईए ने इस आरटीआई को आरबीआई के पास भेज दिया था। आरबीआई के 1934 एक्ट के तहत नोटों के डिजाइन और मैटेरियल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सेंट्रल बोर्ड की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार की समिति पास करती है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टबूर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान का आगज किया है।