सूचना के अधिकार के तहत दाखिल एक आवेदन पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया का विवरण बताने से भारत सरकार की भावी आर्थिक या वित्तीय नीतियों की रास्ते में बाधाएं आ सकती हैं। इसलिए इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें कि आरटीआई के माध्यम के माध्यम से आरबीआई से उसके कार्यालय में हुई उन बैठकों के ब्योरे की प्रति मांगी गयी थी जिनमें 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। साथ ही आरबीआई से नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय एवं वित्त मंत्रालय के साथ हुए पत्र व्यवहार की प्रति भी मांगी गयी थी। पर केंद्रीय बैंक ने इसे देने से इंकार कर दिया है।
आरबीआई ने आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा, ‘आवेदन में मांगी गयी सूचना में 500 और 1000 रुपये के नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया के पूरा होने से पहले की संवेदनशील पृष्ठभूमि की जानकरी भी मांगी गयी है जिसमें इस प्रक्रिया से संबंधित राय, आंकड़े, अध्ययन, सर्वेक्षण आदि शामिल हैं. ऐसी सूचनाओं का खुलासा, ऐसे फैसले लेने के उद्देश्य की दृष्टि से देश के आर्थिक हितों के लिए नुकसानदेह होगा.’
आरबीआई ने आरटीआई के जवाब में कहा कि इस तरह के विवरण देने से भारत सरकार की भावी आर्थिक या वित्तीय नीतियों के रास्ते में बाधा आ सकती है।