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संकटग्रस्त विद्युत क्षेत्र को ‘उदय’ से उबारने की उम्मीद

देश में बिजली वितरण कंपनियों का घाटा 58 अरब डॉलर तक पहुंचने के मद्देनजर,
कैबिनेट ने गुरुवार को विद्युत क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन व
पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें रोक व प्रोत्साहन दोनों मौजूद है,
जो सरकार के साल 2022 तक सबको बिजली की कमजोर कड़ी को दूर करेगा।

रतलामNov 06, 2015 / 11:08 am

Jyoti Kumar

देश में बिजली वितरण कंपनियों का घाटा 58 अरब डॉलर तक पहुंचने के मद्देनजर, कैबिनेट ने गुरुवार को विद्युत क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन व पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें रोक व प्रोत्साहन दोनों मौजूद है, जो सरकार के साल 2022 तक सबको बिजली की कमजोर कड़ी को दूर करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में विद्युत वितरण कंपनियों के लिए चालू वित्त वर्ष में बदलाव व पुनरुद्धार पैकेज की मंजूरी दी गई, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि दो साल के समय में यह उन्हें समस्याओं से उबार देगा और साल 2019 तक उन्हें उनके समस्त नुकसान से मुक्त कर देगा।

‘उदय’ नामक यह पैकेज ग्रामीण इलाकों में 100 फीसदी बिजली, देश भर में चौबीसों घंटे बिजली और स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल में वृद्धि तब तक संभव नहीं है, जब तक डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियां) अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन न करे, के संकल्प पर आधारित है।

piyush goyal

कोयला व विद्युत मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”वसीयत के मुद्दे के कारण डिस्कॉम एक दुष्चक्रम में फंसा है। परिचालन घाटा ऋण द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है। इन डिस्कॉम के पास बकाया ऋण साल 14-15 फीसदी ब्याज के साथ 2011-12 के दौरान 2.4 लाख करोड़ से साल 2014-15 में बढ़कर 4.3 लाख करोड़ रुपए हो गया।

The exemption of the public electricity theft

मंत्री गोयल ने कहा कि बीते कुछ सप्ताहों व महीनों के दौरान उनके मंत्रालय द्वारा किए गए व्यापक चर्चा के आधार पर सभी पक्षों -डिस्कॉम, राज्य सरकारों, नियामकों व ऋणदाताओं- से सलाह-मश्विरा किया गया।

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