नई दिल्ली। देश में डिजिटल सेवा देशी से बढ़ रही है। इससे अब कोई भी सेक्टर अछूता नही रहना चाहता। डिजिटल सेवा के तहत सरकार ई- वाहनों पर जोर दे रही है। ई कार, ई बस से लेकर पूरी ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने की तैयारी है। सरकार ने नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के तहत साल 2020 तक करीब 70 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बेचने का टारगेट रखा है। नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के तहत 2030 तक भारत का ट्रांसपोर्ट सिस्टम इलेक्ट्रिक वाहनो में तब्दील हो जाएगा।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को इलेक्ट्रिक कारों का सूत्रधार माना जाता है। सिलिकॉन वैली में जब प्रधानमंत्री मोदी से एलन की मुलाकात में एलन मस्क ने घोषणा की थी टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार का बड़ा प्लांट लगाएगी। एलन मस्क ने इलेक्ट्रिक वाहनों की योजना के तहत 7 जुलाई को करीब 100 मेगावाट की बैटरी बनाने की घोषणा भी कर दी है।
बनाएंगे जाएंगे चार्जिंग स्टेशन
कारों और दूसरे बड़ी गाडिय़ों के लिए पेट्रोल पंप की तर्ज पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें प्राइवेट कार और दूसरे टैक्सी सर्विस चार्जिंग स्टेशन पर जाकर बैटरी चार्ज कर सकेंगे। अभी फिलहाल जो थोड़ी बहुत गाडिय़ां इलेक्ट्रिक सुविधा से लैस हैं उन्हें चार्ज करने के लिए महंगे बैटरी से बदलना पड़ता है। इस सुविधा के बाद सस्ते में कार और टैक्सी सर्विस की बैटरी चार्ज किए जा सकेंगे।
कैसे बदलेगी तस्वीर
पहला चरण
इस स्कीम के तहत भारत 2030 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक सिस्टम में तब्दील करेगा। पहले चरण में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बदला जाएगा। सड़को पर चलने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बिना महंगी बैटरी के भेजा जाएगा। अब तक ई वाहनों में सबसे ज्यादा खर्च बैटरी का ही होता है।
दूसरा चरण
दूसरे चरण में प्राइवेट गाडिय़ों को बदलने की योजना है। जिसमें ई रिक्शा, टू-व्हीलर्स, और कारो को जोडऩे की योजना है। इसमें इन गाडय़िों को बैटरी से जोड़ा जाएगा। गाडय़िों की बैटरी का चार्ज खत्म हो जाने पर उन्हे नई बैटरी उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि बिना रुकावट गाडियां चल सके।
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