शुक्रवार को इस राज से पर्दा उठ गया कि टाटा कंपनी गुपचुप तरीके से इलेक्ट्रिक कारों का बना रही है। इसी के चलते उसने सभी कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल)कंपनी से 10 हजार इलेक्ट्रिक कारें बेचने का ऑर्डर हासिल कर लिया है। EESL बिजली मंत्रालय के तहत काम करती है।
केन्द्र सरकार वर्ष 2030 तक देश में सिर्फ बिजली से चलने वाली कारों की बिक्री संबंधी योजना पर काम कर रही है। वहीं ईईएसएल की तरफ से खरीदी गई कारों का इस्तेमाल सरकारी विभागों और कार्यालयों में किया जाएगा। सरकार इन कारों को दो चरणों में खरीदेगी। पहले चरण में नवंबर 2017 तक 500 कारें खरीदी जाएगी जबकि दूसरे चरण में बची हुई 9500 खरीदेगी।
ईईएसएल का कहना है कि एक कार की कीमत 10.16 लाख रुपए होगी और जीएसटी लगने के बाद इसकी कीमत 11.2 लाख रुपए होगी। कंपनी इसके साथ पांच वर्ष की वारंटी भी देगी। कंपनी का दावा है कि पहली बार दुनिया में किसी एक कंपनी ने इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कारें खरीदने का ऑर्डर दिया है।
आपको बता दें कुछ दिनों पहले पूर्व ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री
नितिन गडकरी ने कहा था कि वर्ष 2030 से देश में सिर्फ बिजली वाली कारों की बिक्री की जाएगी लेकिन उस समय कई लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था लेकिन सरकार के इस कदम ने सबको चौंका दिया है।
इतना ही गड़करी ने कार कंपनियों को चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया था कि यदि वे इलेक्ट्रिक कार को लेकर तैयारी नहीं करेंगे तो सरकार उन्हें ‘बुलडोज’ कर देगी। अब इस ऑर्डर से साफ हो गया है कि भारतीय कार बाजार का गेम पूरी तरह से बदलने वाला है। यह एक तरह से देश की दूसरी कार कंपनियों को संकेत भी है कि वे तेजी से अपने रणनीति में बदलाव करें।