इस इलेक्ट्रिक कार की खास बात यह है कि एक तो यह वजन में बहुत हल्की हैै। साथ ही यह चार सवारियों को बिठाकर 1 घंटे में 80 किलोमीटर तक चल सकती है। इस लाइटवेट और टिकाउ कार को लिना नाम दिया गया है। इसकी टॉप स्पीड 50mph है। इनडोवेन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की टीयू/ईकोमोटिव टीम के डेवलपर्स में से एक ने कहा कि यह ईको फ्रैंडली टेक्नोलोजी की दिशा में पहला कदम है।
इस कार को डच में पैदा होने वाले फ्लैक्स की सीटों से कवर किया गया है। ये सीटें फाइबर ग्लास जितनी मजबूत है और इसका वजन 310 किलोग्राम है। ईकोमोटिव टीम के डेवलपर्स में से एक ने कहा कि केवल व्हील्स और सस्पेंशन सिस्टम ही बायो बेस्ड मैटिरियल से नहीं बने हैं। हालांकि आपको बता दें इसके मैटिरियल की वजह से इस प्रोटोटाइप का क्रैश टेस्ट नहीं हुआ है।
हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि क्या यह इलेक्ट्रिक भारतीय कार प्रेमियों को उपलब्ध हो पाएगी। लेकिन इतना जरूर है कि यदि यह कार भारत में लॉन्च होती है तो यह पर्यावरण का दूषित होने से बचाने के दिशा में एक अहम कदम होगा। इतना ही नहीं पर्यावरण को स्वच्छ करने की दिशा में हमारे देश की सरकार भी कई तरह के प्रयास कर रही है। सरकार की आगामी योजना इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने की है।