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ऑटो सेक्टर के लिए बेहद बुरा रहा 2019, सदी की सबसे बड़ी मंदी ने दी दस्तक

हर महीने कंपनियां लगातार नई नई कार और मोटरसाइकिलों को लॉन्च कर रही थी लेकिन बिक्री लगातार घटती जा रही थी ।

नई दिल्लीDec 26, 2019 / 03:38 pm

Pragati Bajpai

Auto Year eneder

Auto Year eneder

नई दिल्ली: 2019 खत्म होने में महज चंद दिन बचे हैं या यूं कहें कि नए साल का काउंटडाउन शुरू हो चुका है तो गलत नहीं होगा। बाजार में तरह-तरह के ऑफर्स भरमार है और इन ऑफर्स में कई ऑटोमोबाइल कंपनियों के इश्तेहार भी देखने को मिल जाते हैं। लेकिन ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिहाज से अगर 2019 को देखा जाए तो ये साल इस इंडस्ट्री के लिए बेहद डरावना रहा । हर महीने कंपनियां लगातार नई नई कार और मोटरसाइकिलों को लॉन्च कर रही थी लेकिन बिक्री लगातार घटती जा रही थी । यहां तक कि सस्ते प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग के बावजूद हालात में सुधार नहीं हुए और आलम ये हुआ कि जुलाई आते आते इस सेक्टर से जुड़े 10 लाख लोगों की नौकरी पर तलवार लटकने लगी । स्कूटर की बिक्री तो अप्रैल 2019 में 18 साल स्तर के निचले स्तर पर पहुंच गई ।

सदी की सबसे बड़ी गिरावट का ऐलान-

जुलाई में देश में वाहनों की बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2018 की तुलना में इस साल जुलाई में वाहनों की कुल बिक्री 18.71 फीसदी घट गई। जुलाई 2019 में घरेलू बाजार में कुल 18,25,148 वाहन बिके जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 22,45,223 था। यह दिसंबर 2000 (21.81 फीसदी) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। ये आंकड़ा चिंताजनक इसलिए भी था क्योंकि यह लगातार आठवां महीना है , जब सभी श्रेणी के वाहनों की कुल बिक्री में कमी दर्ज की गयी है।

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Maruti को मिला 5 सालों का सबसे बड़ा झटका-

देश की दिग्गज कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी बिक्री के मामले में 5 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई । मारुति की बात करें तो जुलाई महीने की बिक्री रिपोर्ट जारी करते हुए कंपनी ने 33.05 फीसदी की गिरावट की बात मानी। जुलाई महीने में कंपनी ने महज 1,09,264 यूनिट कारें ही बेची हैं जो कि 2012 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। आपको मालूम हो कि कंपनी ने जुलाई 2018 में 1,64,369 कारें बेचीं थीं।

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10 साल में पहली बार बंद करना पड़ा प्लांट-

आपको बता दें कि 10 सालों में पहली बार देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने अपने 2 प्लांट्स में काम रोक दिया । सितंबर की 7 और 9 तारीख को कंपनी के मानेसर -गुरूग्राम प्लांट पर काम बंद रहा, यानि एक भी कार का निर्माण नहीं हुआ। अगस्त में उसकी घरेलू बाजार में बिक्री 34.3 फीसद घटकर 97,061 इकाई रह गई, जो अगस्त, 2018 में 1,47,700 इकाई थी।

इन कंपनियों ने भी रोका निर्माण-

देश की टॉप 10 ऑटो कंपनियों में से 7 अपने प्लांट बंद करने का फैसला कर चुकी हैं। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पहले मई और जून के बीच भी प्लांट बंद किया था।

दिखने लगा मंदी का असर, महिंद्रा ने 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, पढ़ें पूरी खबर

महिन्द्रा एंड महिंद्रा ने 1500 लोगों को निकाला-

जुलाई में महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका ने कहा, ‘1 अप्रैल से अब तक हमने करीब 1500 अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटा दिया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि कर्मचारियों को ना हटाना पड़े लेकिन मंदी जारी रहने के हालात में हमें और लोगों को भी काम से हटाने पर मजबूर होना पड़ेगा। आपको मालूम हो कि इससे पहले इससे पहले देश की सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माता मारुति सुजुकी ने करीबन 3000 अस्थायी कर्माचारियों की छंटनी की थी।

1 लाख लोगों नें गंवाई नौकरी-

पिछले एक साल से जारी सुस्ती का असर वाहन कलपुर्जा उद्योग पर भी पड़ा है। पहली छमाही यानि अप्रैल से लेकर सितंबर तक इस उद्योग के कारोबार में 10.1 फीसदी की गिरावट आई है और 1.99 लाख करोड़ रुपये से घटकर 1.79 लाख करोड़ रुपये रह गया। मंदी का ही असर है कि जुलाई से लेकर अब तक इस उद्योग की एक लाख अस्थायी नौकरियां गई हैं।

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