कीमत घटाने के लिए लिया गया है फैसला- सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से न सिर्फ बिक्री बढ़ेगी बलकि प्रदूषण को कम करने कनें भी मदद मिलेगी । दरअसल इलेक्ट्रिक व्हीकल की कुल लागत में बैटरी की कीमत 30 से 40 फीसदी ( cost of electric vehicle battery ) तक होती है। इस फैसले के बाद अब इन वाहनों की अपफ्रंट कॉस्ट कम हो जाएगी। खरीदार को OEM या एनर्जी सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से अगल से बैटरी उपलब्ध करवाई जा सकेगी।
मंत्रालय का यह भी आदेश है कि, सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोटोटाइप और बैटरी (नियमित बैटरी या स्वैपेबल बैटरी) को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 126 के तहत निर्दिष्ट परीक्षण एजेंसियों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक होगा। यानी की सभी वाहन निर्माता कंपनियां अपने वाहन में स्वैपेबल बैटरी का ऑप्शन देंगी। सरकार का यह नियम इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और थ्री व्हीलर पर लागू होगा।
आपको मालूम हो कि हाल ही में दिल्ली में नए इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू किया गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार अगले 5 साल में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन की योजना बना रही है । साथ ही सरकार नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत नई इलेक्ट्रिक कारों को खरीदने पर 1.5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि भी दे रही है।