लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक कोर्सो की प्रवेश प्रक्रिया की लिस्टों में गड़बडियों के बाद पीजी कोर्सेज की लिस्ट में भी वही गलतियां दोहराई गई हैं। यूनिवर्सिटी ने एमफिल के तीन कोर्सेज में बिना एंट्रेंस के ही कैंडिडेट्स की प्रोविजनल सिलेक्टेड लिस्ट जारी कर दी है। मंगलवार को जारी की गई लिस्ट में सीट से कम आवेदन वाले कोर्सेज में अधिक आवेदन वाले कोर्सेज के कैंडिडेट्स को भी शामिल कर लिया गया। लिस्ट पर विवि ने कैंडिडेट्स से बुधवार तक आपत्तियां मांगी हैं। विवि की वेबसाइट पर सूची अपलोड की गई है।
लखनऊ विश्वविद्यालय ने मंगलवार को पीजी के 45 कोर्स की लिस्ट जारी की। इसके जारी होते ही कैंडिडेट्स ने आपत्ति दाखिल करना शुरू कर दिया। जारी की गई लिस्ट में एमफिल एंशियंट इंडियन हिस्ट्री, इंग्लिश व पब्लिक ऎडमिनिस्ट्रेशन में आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स की प्रोविजनल लिस्ट शामिल थी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने एमफिल में एंट्रेंस के आधार पर ही एडमिशन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत बिना एंट्रेंस टेस्ट कराए एमफिल में ऎडमिशन नहीं दिया जा सकता है। इसके बावजूद अफसरों ने लापरवाही करते हुए लिस्ट जारी कर दी।
यूनिवर्सिटी जो लिस्ट जारी की है उसमे ज्यादातर कोर्सेज ऎसे हैं जिनमें सीटों से कम आवेदन आए हैं। ऎसे में इनमें कई के सस्पेंड किए जाने की बात चल रही है। हड़बड़ी में जारी की गई लिस्ट में अफसरों ने ऎसे कोर्सेज को भी शामिल कर लिया जो यूनिवर्सिटी की लिस्ट में टॉप पर हैं। इनमें एमए इंग्लिश, एमजेएमसी, मास्टर्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन शामिल हैं। इन तीनों कोर्सेज में सीटों से ज्यादा एप्लिकेशन हैं। इंग्लिश में तो 500 से ज्यादा कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया था।
एडमिशन कोऑर्डिनेटर प्रो. राजकुमार सिंह ने कहा कि एमफिल के कैंडिडेट्स की लिस्ट गलती से शामिल हो गई है। इंग्लिश, एमपीए व एमजेएमसी के कुछ कैंडिडेट्स के नाम यहां पर शामिल हो गए हैं। इन्हें हटाया जा रहा है। कैंडिडेट्स से लिस्ट पर आपत्तियां भी मांगी गई हैं।
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