बताते चलें कि एक दिन पहले चंदौली जिले में गृहराज्यमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा विधायक भाजपा महासचिव पंकज सिंह की मौजूदगी में किसान कुम्भ महाअभियान में मंच से मुगलसराय विधायक साधना सिंह ने मायावमती पर अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी कर दी, जिसके मीडिया की सुर्खियां बनते देर नहीं लगी। इसके बाद तो सियासी हंगामा हो गया। बसपा से गठबंधन के चलते इस मामले में समाजवादी पार्टी ने विधायक साधना सिंह और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सपा नेताओं ने भाजपा और विधायक को दलित विरोधी करार देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
रविवार की सुबह होते ही चंदौली में समाजवादी पार्टी के नेताओं का बयान के विरोध में मुखर होना शुरू हो गया। पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के नेतृत्व में सपाइयों ने मोर्चा संभाल लिया और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की। विधायक पर कार्रवाई होने तक सांसद के नेतृत्व में सपा नेता व कार्यकर्ता उपवास पर बैठ गए। सबसे बड़ी बात यह कि इस मामले में अब तक न तो किसी बसपा नेता ने मुंह खोला है और न ही विरोध के लिये सामने आए हैं।