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चंदौली

जानिये कहां के किसान बोले, हम पराली भी जलाएंगे और जेल भी जाएंगे, नहीं बोएंगे गेहूं, हम मजबूर हैं

जब किसान बोले, हम पराली भी जलाएंगे और जुर्माना भरकर जेल भी जाएंगे, हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं
किसान दिवस पर अधिकारियों से बोले किसान, मजबूरी में जलाते हैं पराली, वैकल्पिक व्यवस्था कराइये।

चंदौलीNov 21, 2019 / 10:11 am

रफतउद्दीन फरीद

Parali Burning

पराली जलाया

चंदौली . खेतों में पराली जलाने को लेकर एनजीटी के आदेश के बाद हो रही कार्रवाई को लेकर डीएम के साथ बैठक कर रहे किसान अचानक ही भड़क गए। किसानों ने कहा कि पराली जलाने के लिये हमपर जुर्माना लगाया जाएगा, लेकिन उस पराली को किसान निस्तारण कैसे करें इस बारे में सरकार और प्रशासन कुछ नहीं सोच रही है। हमें पराली निस्तारण के लिये कोई विकल्प नहीं दिया गया है। ऐसे में हम पराली जलाएं नहीं तो क्या करें। बैठक से बाहर निकले एक किसान ने कहा कि हम मजबूर हैं पराली जलाने को, हम जुर्माना भी भरेंगे, जेल भी जाएंगे और सड़क पर भी उतरेंगे। हम मजबूर हैं, क्योंकि सरकार और प्रशासन हमारी समस्या सुलझाने के लिये के लिये कुछ नहीं कर रही है, केवल हमें धमकाया जा रहा है।
महीने के तीसरे बुधवार को चंदौली के विकास भवन सभागार में किसान दिवस के मौके पर जिलाधिकारी समेत अधिकारी और किसान जुटे। पूरी बैठक में पराली का मुद्दा ही छाया रहा। अधिकारियों ने किसानों को पराली जलाने पर कार्रवाई की जानकारी दी तो किसानों ने भी अपनी मजबूरी जताते हुए पराली निस्तारणके लिये वैकल्पिक व्यवस्था मांगी। उनका कहना था कि किसान सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी का सम्मान करते हैं, लेकिन पराली निस्तारण के लिये सरकार को कोई कदम उठाना चाहिये। उन्होंने पराली निस्तारण के लिये मुआवजा दिये जाने की मांग की। कहा कि यूपी के टॉप 5 धान पैदावार वाले जिलों में शामिल चंदौली के किसानों के पास कोई ऐसा आधुनिक यंत्र नहीं, जिससे पराली बिना जलाए ही वह उसे खेतों से बाहर निकाल सके। उन्हे सड़ाकर खाद के रूप में इस्तेमाल कर सके।
इसी दौरान कृषी उपनिदेशक ने जब किसानों को एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पराली जलाने पर जुर्माना भरना होगा। उन्हें मिलने वाले अनुदान भी बंद हो जाएंगे। इसके बाद किसान नाराज हो गए और चेतावनी दी कि अगर पराली हटाने के लिये उन्हें मुआवजा नहीं दिया गय और मशीनें नहीं मंगवायी गयीं तो किसान मजबूरी में पराली भी जलाएंगे, जुर्माना भी भरेगा और जेल भी जाएगा। सड़क पर उतरकर आंदोलन भी करेगा। इसके अलावा नाराज किसानों ने जिलाधिकारी के सामने ही गेहूं की फसल की बुआई न करने की चेतावनी भी दी। बैठक के दौरान डीएम ने किसानों की कई समस्याओं के निस्तारण का भी निर्देश दिया।
By Santosh Jaiswal

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