गुरैनी में चल रहे धरना प्रदर्शन में अभी तक सांसद के नहीं पहुंचने से आक्रोशित होकर सांसद का प्रतीकात्मक पुतला दहन किया। बताया जाता है कि किसानों के धरने में 18वे दिन तक सत्ता पक्ष के किसी भी प्रतिनिधि नही पहुंचने से ये सभी लोगो नाराज हैं। इनका आरोप है कि भाजपा नेताओं के इस व्यवहार से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों के प्रति सरकार कितना संवेदनशील है।
दिलचस्प बात यह कि बुजुर्ग महिलाएं भी इसमें शामिल रहीं महिलाओं का कहना है कि अब लगातार पुतला फूंका जयेगा जिसमे अगर हमारी बात नही सुनी गयी तो मुख्यमंत्री प्रंधानमंत्री का भी पुतला दहन करेंगें। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मांगे सरगकार जल्द पूरा करे। वरना हमलोग अपनी चूड़ियां भी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और सांसद को भेंट करेंगीं अगर जरूरत पड़ी तो लखनऊ दिल्ली भी जाकर भेंट करेंगे।
वहीं गुरैनी में धरने कि अगुवाई कर रहे अंजनी सिंह ने कहा कि हम शांति से धरना प्रदर्शन करने के पक्षधर हैं। इन किसानों का कहना है कि हम भाजपा सरकार से सिर्फ दो मांग पूरा करने को कह रहे हैं। पहला यह कि सरकार गंगा कटान ‘ पम्प केनाल ‘ एम ए में इसी साल एड्मिशन कि मांग को जल्द पूरा करने को आगे आये। या फिर दूसरा यह कि सरकार साफ साफ हाँथ खड़ा करदे कि मेरे बस कि बात नहीं ताकि हम दूसरी सरकार का इंतजार करें।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि मैने श्रेय नहीं समाधान मांगा है। समस्याओं से भागने कि बजाय किसानों के बीच आये या फिर यह कहें कि किसानों का कद सरकार से छोटा है वहीं दीनानाथ श्रीवास्तव ने कहा कि अब हम रूकने वाले नहीं लग रहा है कि सरकार यह चाह रही है कि किसान आत्महत्या करें धरने को जयप्रकाश सिंह अंगद यादव लक्ष्मी मिश्रा शेषनाथ यादव आदि ने सम्बोधित किया अध्यक्षता राधेश्याम यादव ने किया संचालन परमानंद मिश्र ने किया धरने में महिलाओं सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।
इसलिए धरने पर हैं किसान किसानों का कहना है कि गंगा कटान के करण चहनियां और धानापुर ब्लॉक के दर्जनों गांव में सैकड़ों एकड़ प्रतिवर्ष कृषि भूमि गंगा में समाहित होती जा रही है और बार-बार शासन प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गुरैनी पंप कैनाल का आधा हिस्सा पहले ही गंगा में समा चुका है। अगर यह पंप कैनाल पूरी तरह गंगा में समा गया। इनका गुस्सा है कि प्रदेश अध्यक्ष सोमवार को जिले में थे लेकिन इन किसानों से मुलाकात नहीं किये। जिससे नाराज होकर इन्होने पुतला दहन किया।