ट्रेन के आने के बाद सभी यात्रियों को खाना वितरित किया गया । हर बोगी में यात्रियों से पूछकर दवाइयां दी गई। पानी की बोतल दिया गया और उनका कुशल क्षेम पूछा गया । ट्रेन में यात्री खचाखच भरे हुए थे । यात्रियों के चेहरे पर रेल हादसे का खौफ साफ नजर आ रहा था । लोग इस घटना से काफी डरे हुए थे ।
यात्रियों ने बताया हम लोग अपने बर्थ पर सोए हुए थे । अचानक ट्रेन हिलने लगी और काफी तेज आवाज के साथ बोगियां पलट गई । बोगियों में पत्थर के टुकड़े आने लगे । चारों तरफ अंधेरा छा गया कुछ नजर नहीं आ रहा था, चीखपुकार की आवाज आने लगी । किसी तरह हम लोग बाहर निकले और अन्य यात्रियों को बाहर निकाला वहां का मंजर देखकर हम लोग काफी डर गए थे, कोई ट्रेन के चक्के के नीचे फंसा था तो कोई रेलवे ट्रैक पर पड़ा था, चारों तरफ चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी । यात्रियों के अनुसार घटना के काफी देर बाद उनको सहायता मिली । अफरातफरी के माहौल में दर्जनों यात्रियों का सामान भी नहीं मिला । घटना के कई घंटों बाद दोबारा सीमांचल एक्सप्रेस में कुछ और बोगियां जोड़कर यात्रियों को आनंद विहार के लिए रवाना किया गया।