बता दें कि वर्ष 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने वाराणसी से अलग चंदौली जिला बनाया था। इससे पहले यह वाराणसी जिले का हिस्सा था। पिछले दिनों शासन ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी कि चंदौली जिले का नाम पंडित दीनदयाल नगर करने में कोई दिक्कत तो नहीं है।
बदला जा चुका है मुगलसराय जंक्शन का भी नाम
पिछले साल मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल जंक्शन कर दिया गया था। अब पूरे जिले का नाम ही पंडित दीनदयाल नगर करने की तैयारी है। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दौरे के दौरान कर सकते हैं। बता दें जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव 11 फ़रवरी 1968 को संदिग्ध परिस्थितियों में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के यार्ड में मिला था. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और संगठनकर्ता भी थे
पिछले साल मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल जंक्शन कर दिया गया था। अब पूरे जिले का नाम ही पंडित दीनदयाल नगर करने की तैयारी है। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दौरे के दौरान कर सकते हैं। बता दें जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव 11 फ़रवरी 1968 को संदिग्ध परिस्थितियों में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के यार्ड में मिला था. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और संगठनकर्ता भी थे