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चंडीगढ़ पंजाब

राष्ट्रपति चुनाव: अकाली विधायक ढींडसा ने डाला गलत वोट

गोपनियता भंग करने पर बैंस का वोट रद्द, फुल्का को छोड़ सभी 116 विधायकों ने डाला वोट

चंडीगढ़ पंजाबJul 18, 2017 / 03:28 pm

युवराज सिंह

Presidential election voting

Presidential election voting

चंडीगढ़। राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान के दौरान जहां अकाली विधायक एवं पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा सही तरीके से वोट डालने में असफल रहे वहीं आम आदमी पार्टी की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिरमजीत सिंह बैंस ने सहायक चुनाव अधिकारी पर उन्हें वोट रद्द करने की धमकीन देने का आरोप लगाया। विधानसभा परिसर में दिनभर चली चुनाव प्रक्रिया के बीच आम आदमी पार्टी के विधायक एच.एस.फुल्का को छोडक़र सभी 116 विधायकों ने वोट डाले।

विधानसभा परिसर में वोट डालने की प्रक्रिया शुरू होते ही सबसे पहले कांग्रेस विधायक एवं स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू वोट डालने के लिए पहुंचे। सिद्धू के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत कई नेताओं ने वोट डाले।

अकाली दल अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल अपने कई समर्थक विधायकों के साथ वोट डालने के लिए पहुंचे। दोपहर करीब एक बजे जैसे ही लहरागागा के विधायक एवं पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा वोट डालने के लिए विधानसभा परिसर में पहुंचे तो उन्होंने भी अन्य विधायकों की तरह उन्होंने भी अपने बैलट पेपर पर निशान लगाया। अगले ही पल ढींडसा को इस बात का अहसास हो गया और उन्होंने चुनावी अमले से नए बैलेट पेपर की मांग की। चुनाव अधिकारियों ने नया बैलेट पेपर देने से इनकार कर दिया। ऐसे में यह माना जा रहा है कि ढींडसा का वोट अमान्य हो जाएगा। यह वोट रद्द होने से एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का नुकसान हुआ है। क्योंकि पार्टी द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार शिरोमणि अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी द्वारा संयुक्त रूप से कोविंद को मैदान में उतारा गया है।

ढींडसा के बाद यहां वोट डालने पहुंचे लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि वोट डालते समय सहायक चुनाव अधिकारी एवं विधानसभा सचिव शशि लखनपाल ने उन्हें वोट रद्द करने की धमकी दी है। बैंस ने आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शशि लखनपाल को इस चुनाव में एआरओ लगाने का विरोध किया था क्योंकि उनके खिलाफ हालही में मामला दर्ज किया गया है। ऐसे में वह अपने कार्य को पारदर्शी ढंग से नहीं करेंगी।

बैंस के अनुसार इसी विरोध के चलते उन्हें परेशान किया गया है। बैंस ने इस मामले में एक लिखित शिकायत चुनाव आयोग को भेजी है। दोपहर तीन बजे तक राज्य के कुल 117 विधायकों में से दो विधायक वोट डालने से बचे हुए थे। सबसे अंत में आम आदमी पार्टी विधायक प्रो.बलजिंदर कौर ने जहां अपने मताधिकार का प्रयोग किया वहीं वोट डालने की समय सीमा पूरी होने के बाद भी आप विधायक एवं विधानसभा में विपक्ष के निवर्तमान नेता एच.एस. फुल्का वोट डालने के लिए नहीं पहुंचे।

पंजाब में सरकार का वजूद नहीं:बादल

चंडीगढ़। पिछले करीब तीन माह से चुप बैठे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल आज राष्ट्रपति पद के लिए वोट डालने पहुंचे। मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के इतिहास में यह पहला मौका है जब सत्तारूढ़ सरकार कर वजूद समाप्त हो गया है। पंजाब में आज सरकार की बजाए जंगलराज है। बादल ने कहा कि पंजाब की मौजूदा सरकार अपने सभी चुनावी वादों से पलट गई है। पंजाब में पूर्व सरकार द्वारा भर्ती किए गए कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है और किसानों को कर्ज माफी के नाम पर गुमराह किया गया है।
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