scriptहरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन से एक वर्ष में 248 मौतें | 248 deaths in a year due to drug abuse in Haryana | Patrika News
चंडीगढ़ पंजाब

हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन से एक वर्ष में 248 मौतें

( Hariyana News ) हरियाणा सीमावर्ती राज्य पंजाब से नशे के ( Hariyana ahed in drugs deaths ) मामले में पीछे नहीं है। वर्ष 2018 में हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन 86 मौतें ( 86 died due to drugs ) हुई। इसी तरह नकली शराब पीने से 162 लोगों की मृत्यु हुई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो ( NCRB ) में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक नशे के मामले में हरियाणा पंजाब ( Now Flying Hariyana ) से आगे निकल गया है।

चंडीगढ़ पंजाबJan 11, 2020 / 07:28 pm

Yogendra Yogi

हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन से एक वर्ष में 248 मौतें

हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन से एक वर्ष में 248 मौतें

चंडीगढ़(संजीव शर्मा): ( Hariyana News ) हरियाणा सीमावर्ती राज्य पंजाब से नशे के ( Hariyana ahed in drugs deaths ) मामले में पीछे नहीं है। वर्ष 2018 में हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन 86 मौतें ( 86 died due to drugs ) हुई। इसी तरह नकली शराब पीने से 162 लोगों की मृत्यु हुई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो ( NCRB ) में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक नशे के मामले में हरियाणा पंजाब ( Now Flying Hariyana ) से आगे निकल गया है। पंजाब को पीछे छोड़ते हुए हरियाणा इस अवैध कारोबार में पांचवे स्थान पर पहुंच गया है। हरियाणा में एक साल में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दो हजार 587 मामले दर्ज हुए जो उत्तर भारत के राज्यों में सबसे ज्यादा है।

अब नशे में उडत़ा हरियाणा
एक समय था जब लोग पंजाब को नशों के मामले में उड़ता पंजाब कहते थे लेकिन अब हरियाणा भी नशे में उड़ रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा नशों के कारोबार को रोकने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का धरातल पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। एनसीआरबी रिपोर्ट 2018 के मुताबिक पंजाब में हालात सुधरे हैं और हरियाणा में स्थिति और बिगड़ गई। यहां से राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी अवैध शराब पहुंचाई जा रही है। वर्ष 2018 में नकली शराब के सेवन से प्रदेश में 162 मौतें दर्ज हुईं। इस अवधि के दौरान पंजाब में 159 मौतें हुईं।

नशे की गिरफ्त में अब 15 से 20 के युवा सर्वाधिक
ड्रग्स से हुई मौतों में भी हरियाणा पड़ोसी राज्य पंजाब से आगे रहा है। ड्रग्स से देश में कुल 864 लोगों की जान गई, जिनमें 709 पुरुष और 155 महिलाएं थी। ड्रग्स से हरियाणा में 86 लोगों की मौत के मुकाबले पंजाब 78 मौतों के साथ हरियाणा से एक पायदान नीचे रहा। हरियाणा-पंजाब के अलावा राजस्थान 153 मौतों के साथ देश में पहले नंबर पर रहा। इस अवधि के दौरान ड्रग्स के सवाज़्धिक मामले सिरसा में सामने आए हैं। राजस्थान और पंजाब से सटे इस जिले में जहां वर्ष 2014 के दौरान 1405 ड्रग एडिक्ट इलाज के लिए पहुंचे थे, वहीं 2018 में ऐसे लोगों की संख्या 18 हजार 551 पहुंच गई। पहले 25-30 वर्ष की आयु के युवा नशे की गिरफ्त में थे, लेकिन अब 15 से 20 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है।

सरकार की मंशा पर उठ रहे सवाल:अभय
सिरसा जिला के ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय चौटाला के अनुसार नशा तस्करों को सरकार का संरक्षण है। उन्होंने कई बार यह मुद्दा उठाया है। पुलिस द्वारा उन्हीं अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है जिनपर नशा तस्करों को संरक्षण देने के आरोप हैं। ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं। आज सिरसा जिला में खुलेआम नशे के कारोबार हो रहा है। युवा वगज़् नशे की चपेट में आ रहा है। सरकार द्वारा शुरू की गई अंतरराज्यीय मुहिम भी कागजों में सिमट गई है।

पड़ोसी राज्यों से मिलकर शुरू किया है अभियान
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में नशे के खात्मे के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर अभियान शुरू कर रखा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री इस मुद्दे को न केवल नार्थ जॉन कौंसिल की बैठक में उठा चुके हैं। हरियाणा के आहवान पर पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल व राजस्थान के पुलिस अधिकारी कई बार संयुक्त बैठकों का आयोजन भी कर चुके हैं।

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