राजोआना ने इस सिलसिले में एक पत्र शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी को भेजा है। इस पत्र में राजोआना ने कमेटी की आलोचना की है। कमेटी की आलोचना वर्ष 2012 में राजोआना की ओर से राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका पर आगे कोई कदम न उठाए जाने को लेकर की गई है।
यह लिखा है राजोआना के पत्र में
यह पत्र 14 जुलाई को भेजा गया जिसमें कहा गया है कि मैं तब तक अनशन जारी रखूंगा जब तक कि कमेटी दया याचिका पर फैसले के लिए गृृह मंत्रालय तक नहीं पहुंचती या फिर इसे वापस नहीं ले लेतीं। दया याचिका छह साल से अधिक समय से लम्बित है। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी पर अकाली दल का नियंत्रण है। अकाली दल केन्द्र सरकार में भागीदार है। पत्र में कहा गया है कि विलम्ब से कई संदेह पैदा होते है।
जेल अधीक्षक राजन कपूर ने बताया कि उन्होंने राजोआना के अनुरोध पर उसका पत्र शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी को भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार पत्र मिलने के बाद कमेटी के कई अधिकारी राजोआना से मिलने पहुंचे और समझाने का प्रयास भी किया लेकिन सफलता नहीं मिली। राजोआना का आरोप है कि कमेटी के कारण ही दया याचिका के निपटारे में विलम्ब हो रहा है और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
बता दें कि दिवंगत बेअन्त सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। उनका जन्म 19 फरवरी 1922 को हुआ था। उन्होंने समाज के हित में कई कार्य किए। राज्य में सामान्य हालात बहाल करने के लिए उन्हें आज भी जाना जाता हैं। 31 अगस्त 1995 को उनकी हत्या कर दी गई थी।