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चंडीगढ़ पंजाब

Tablighi jamaat के कारण सामुदायिक संक्रमण का खतरा, जांच शुरू

-पंजाब में कोविड-19 को रोकने के लिए कम्युनिटी टेस्टिंग
-निजामुद्दीन से लौटे 255 व्यक्तियों की सूची में से 192 की पहचान

चंडीगढ़ पंजाबApr 05, 2020 / 12:23 pm

Bhanu Pratap

captain amarinder singh

captain amarinder singh

चंडीगढ़। दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कारण क्या कोरोनावायरस से सामुदायिक संक्रमण होने का खतरा है? पंजाब सरकार इस सवाल का जवाब सीधे तौर पर नहीं देती है। हां, स्वास्थ्य विभाग ने इतना जरूर कहा है- सभी प्रभावित स्थानों पर लक्षणों और गैर-लक्षणों के मामलों की तेजी से जांच की जाएगी। गैर-प्रभावित स्थानों पर लक्षणों वाले मामलों की जांच भी इसी तरह ही की जायेगी। विभाग द्वारा प्रभावित स्थानों पर कम्युनिटी टेस्टिंग शुरू की जा चुकी है।
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भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार

यह बात गत दिवस हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सामने आई। इसी बैठक में पजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा था कि कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों का इलाज न करने वाले निजी अस्पताल बुजदिल हैं, इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लाइसेंस जब्त किए जाएंगे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने मंत्रालय को बताया कि एक बार जब तेजी के साथ जांच करने वाली किट्स और भारत सरकार के अंतिम दिशा-निर्देश आ गए तो राज्य में तेजी से जांच शुरू कर दी जायेगी जिससे पॉजि़टिव मामलों की पहचान की जा सके।
निजामुद्दीन से लौटे 192 व्यक्तियों को एकांतवास में रखा
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि निजामुद्दीन से लौटे व्यक्तियों के संपर्क में आने वालों का तेजी से पता लगाया जा रहा है। राज्य को हासिल हुई 255 व्यक्तियों की सूची में से 192 व्यक्तियों की जांच करके एकांतवास में रखा गया है। इसके अलावा विदेशों से लौटने वालों के साथ-साथ हेल्थ केयर प्रोफेशनलों, पुलिस जैसी अधिक-जोखिम वाली श्रेणियों का भी पता लगाया जा रहा है।
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2446 व्यक्तियों के संपर्कों का पता लगाया

अब तक अधिक जोखिम वाले 846 कर्मियों समेत 1600 व्यक्तियों के संपर्क का पता लगाया जा चुका है जिनमें से 34 पॉजि़टिव पाए गए हैं। इसी तरह मरीजों के अपने ठिकानों से अस्पताल तक जाने की भौगोलिक मैपिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लोगों द्वारा संपर्क का पता लगाने की प्रक्रिया में सहयोग किया जा रहा है।
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20 हजार लोगों के लिए इंतजाम
मंत्रिमंडल को यह भी जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य कामगारों के लिए पर्याप्त पी.पी.ई हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रत्येक सरकारी अस्पताल में 1000 पी.पी.ई मुहैया करवाए जा रहे हैं। इस रोग के और फैलाव को रोकने की तैयारियाँ पर मंत्रिमंडल को बताया गया कि 5000 अलग बेड्स की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 2500 पहले से चल रहे हैं। हॉस्टल समेत इमारतों को अपने कब्जे में लिया जा रहा है। ऐसी सुविधाओं का सृजन करने के लिए इनको आईसोलेटिड घोषित किया जा रहा है। राज्य ने 20000 मामलों के लिए योजना बनाई है। सप्लाई को और बढ़ाने के लिए पी.पी.ई किट और एन-95 मास्क बनाने के लिए 20 उद्योगों की पहचान की गई है और इनमें से पाँच को मंजूरी भी दी जा चुकी है। इसी तरह कम कीमत पर वेंटिलेटर बनाने के लिए और आधे दर्जन उद्योगों की पहचान की गई है।

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