स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि निजामुद्दीन से लौटे व्यक्तियों के संपर्क में आने वालों का तेजी से पता लगाया जा रहा है। राज्य को हासिल हुई 255 व्यक्तियों की सूची में से 192 व्यक्तियों की जांच करके एकांतवास में रखा गया है। इसके अलावा विदेशों से लौटने वालों के साथ-साथ हेल्थ केयर प्रोफेशनलों, पुलिस जैसी अधिक-जोखिम वाली श्रेणियों का भी पता लगाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें 1993 में Delhi Bomb Blast का दोषी आतंकवादी भुल्लर पैरोल पर घर आया, पढ़िए पूरी कहानी 2446 व्यक्तियों के संपर्कों का पता लगाया अब तक अधिक जोखिम वाले 846 कर्मियों समेत 1600 व्यक्तियों के संपर्क का पता लगाया जा चुका है जिनमें से 34 पॉजि़टिव पाए गए हैं। इसी तरह मरीजों के अपने ठिकानों से अस्पताल तक जाने की भौगोलिक मैपिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लोगों द्वारा संपर्क का पता लगाने की प्रक्रिया में सहयोग किया जा रहा है।
मंत्रिमंडल को यह भी जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य कामगारों के लिए पर्याप्त पी.पी.ई हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रत्येक सरकारी अस्पताल में 1000 पी.पी.ई मुहैया करवाए जा रहे हैं। इस रोग के और फैलाव को रोकने की तैयारियाँ पर मंत्रिमंडल को बताया गया कि 5000 अलग बेड्स की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 2500 पहले से चल रहे हैं। हॉस्टल समेत इमारतों को अपने कब्जे में लिया जा रहा है। ऐसी सुविधाओं का सृजन करने के लिए इनको आईसोलेटिड घोषित किया जा रहा है। राज्य ने 20000 मामलों के लिए योजना बनाई है। सप्लाई को और बढ़ाने के लिए पी.पी.ई किट और एन-95 मास्क बनाने के लिए 20 उद्योगों की पहचान की गई है और इनमें से पाँच को मंजूरी भी दी जा चुकी है। इसी तरह कम कीमत पर वेंटिलेटर बनाने के लिए और आधे दर्जन उद्योगों की पहचान की गई है।