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चंडीगढ़ पंजाब

दिल्ली में हुई अंतरराष्ट्रीय जाट संसद, पंजाब को बड़ी आस

सुखबीर सिंह हुड्डा ने कहा- सामाजिक बुराइयों को दूर करने पर मंथन
शादी में खर्च कम करके शिक्षा पर अधिक व्यय करने का आह्वान
जाट बिरादरी के युवाओं को विदेश में बहुत से अवसर हैं

चंडीगढ़ पंजाबMar 03, 2020 / 06:27 pm

Bhanu Pratap

Sukhbir singh hooda

Sukhbir singh hooda

चंडीगढ़। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद हुई। इसमें पंजाब को लेकर विशेष चर्चा की गई। जाट पूरी दुनिया में हैं। जाट संसद से जाट समाज को अपनी ताकत का अहसास हुआ है। जाट संसद में सामाजिक कुरीतियों को भी दूर करने का आह्वान किया गया है। इसका संदेश लेकर पंजाब जा रहे हैं।
सामाजिक बुराइयों पर मंथन

यह जानकारी जाट नेता और इंडियन बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और पंजाब बार काउंसिल लाहौर के सदस्य एडवोकेट सुखबीर सिंह हुड्डा ने पत्रिका को दी। उन्होंने बताया कि गोवा के राज्यपाल सतपाल मलिक ने उद्घाटन किया। उन्होंने दहेज रहित विवाह करने, बच्चों को हर हाल में शिक्षित करने और मृत्यु भोज न करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर जाट ये काम कर लें तो उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है। शादी में खर्च कम करके शिक्षा पर अधिक व्यय करें। श्री मलिक ने जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के रूप में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के बारे में जानकारी दी। श्री हुड्डा ने बताया कि जाट अधिकारी जहां भी रहता है, उल्लेखनीय कार्य करता है।
Chaudhary Udaybhan Singh
शिक्षा से ही उन्नति

उन्होंने बताया कि हम पंजाब जाकर अपनी बिरादरी के बताएंगे कि आपको अनेक मौके हैं। पूरे विश्व में जाट बिरादरी के लोगों ने भारत के जाटों का स्वागत किया है। बुराइयों के बारे में गाइड किया गया है। आज के युग में शिक्षा से ही प्रोग्रेस कर सकते हैं। न दहेज की बेटी लेनी है और न ही दहेज की बेटी देनी है। सम्मेलन में तकनीकी जानकारी दी गई है। हमारी बिरादरी के युवाओं को विदेश में बहुत अवसर हैं।
3000 से अधिक प्रतिनिधि आए

जाट ससंद में देश-विदेश के तीन हजार से अधिक प्रमुख जाट नेता, उद्योगपति, समाजसेवी आदि उपस्थित थे। उद्देश्य था समाज को सीमा पार से जोड़ना। कुल पांच सत्र हुए। 55 देशों से जाट आए। फिल्म और खेल जगत की 35 हस्तियां, 24 राजनेता, 600 प्रशासनिक अधिकारी और 2500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हरियाणा के मंत्री रणजीत चौटाला, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सिंह, राजस्थान के हरि सिंह, वेलनेस की संस्थापक रेखा चौधरी (मुंबई), सुरेन्द्र चौहान (दुबई) आदि ने संबोधित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत हुए। साथ ही योगा का शानदार प्रदर्शन हुआ। संचालन रामावतार पलसानिया, पीएस कलवानिया, हरिराम किंवाड़ा ने किया। इन्होंने ही जाट संसद का आयोजन किया था।
Sukhbir singh hooda
दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कैसे करे

अंतररराष्ट्रीय जाट संसद में उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग, निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा रेशम विभाग के राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने जाटों को जगाने का काम किया। उन्होंने कहा- जाट बिरादरी ने सृष्टि में अपनी पहचान बनाई है। भारत वर्ष को आजाद कराने में जाट ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसान चाहे वह गूजर, कुशवाहा हो, जिसके हाथ में खुरपी, फावड़ा, हल, भेड़ और गाय की पूंछ है, जो कृषि पर आधारित उद्योग चलाता है, वह दिल्ली के सिंहासन पर कैसे पहुंचे, उसकी मुट्ठी में दिल्ली कैसे आए, इस पर विचार करें। जो कौम राजनीति से पीछे चली जाती है, उसकी भूमिका विकास में भी कम हो जाती है। उन्होंने सवाल किया- जिसने संपूर्ण किसान को राजनीति करने और अग्रणी भूमिका निभाने में आगे बढ़ाया, दिल्ली तक राजनीतिक पहचान बनाई, क्या वह आज उस भूमिका का निर्वहन करने में प्रभावशाली है? अगर प्रभाव में कमी आई है तो हम अंत्योदय की भूमिका का निर्वहन करते हुए अपनी कौम और समाज को राजनीति में प्रभावशाली कैसे बनाएं, क्या टांग खींचना ही सबकुछ है। आज मैं मंत्री हूं, एक दिन ऐसा आएगा जब मैं पूर्व मंत्री के रूप में बैठूंगा। लेकिन क्या मैं आने वाली पीढ़ी को रोकूंगा, क्या राजनीति अपने परिवार तक सीमित रखूंगा, ऐसे तमाम प्रश्न आ जाते हैं।
Chaudhary Udaybhan Singh
उत्तर प्रदेश में पूंजीनिवेश करें

चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोगी मंत्री हूं। मेरे पास उद्योग मंत्रालय है। एक समय था जब विकास का रास्ता खेत और खलिहान से होकर गुजरता था। आज मैं कहता हूं कि विकास का रास्ता उद्योगों से होकर निकलता है। मेरा नम्बर नोट करें 9412265081, आप उत्तर प्रदेश आएं तो मुझे फोन करें। आपके घर में कुटीर उद्योग से लेकर और जो खुद को जाटनी कहने में गौरवान्वित होती है, वह आगे बढ़े, मैं और मेरी सरकार, चाहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हों या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आपके साथ हैं। राजनीति में खुद आगे बढ़ें, नौजवानों को आगे बढ़ाओ, परिवार तक सीमित मत रहो।
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