प्रति दिन एक मौत
पिछले करीब दो माह में प्रदेशभर में ड्रग डोज के कारण करीब साठ युवाओं की मौत का डाटा सामने आया था। इस हिसाब से यह माना गया है कि ड्रग डोज से प्रदेश में रोजना एक मौत हुई। इन सभी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण ड्रग डोज बताया गया है। ये सभी मृतक 18 से 35 वर्ष उम्र के बताए जा रहे हैं। ये मौतें पंजाब के करीब 15 जिलों और खासकर माझा व दोआबा में दर्ज की गई है। इनमें से अमृतसर जिले में सबसे अधिक 10 मौतें दर्ज की गई हैं। ये मौतें तो वे है जिनके परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए हैं।
रासायनिक परीक्षण से पता चलेगा
अलबत्ता कई मौतें पुलिस और पोस्टमार्टम रूम तक न पहुंचने के कारण रिकॉर्ड पर दर्ज होने से रह गई होंगी। ये मौतें कितनी हो सकती हैं कुछ कह पाना मुश्किल है। इन मृतकों के विसरा रासायनिक परीक्षण के लिए एकत्र किए गए हैं। रासायनिक परीक्षण से पता चलेगा कि किस ड्रग की मिलावट के कारण ये मौतें हुई है। मौत का कारण बनने वाले ड्रग का पता लगने पर ऐहतियाती उपाय शुरू किए जा सकते है।
राज्य सरकार को निर्देश
उधर पंजाब और हाईकोर्ट ने ड्रग संकट पर अपनी निगरानी कायम रखते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि ड्रग सेवन करने वालों का जीवन बचाने के लिए नीति बनाए। हाईकोर्ट ने कहा कि ड्रग सेवन करने वालों का पता ग्राम पंचायतों की मदद से लगाया जाए। हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील एचसी अरोरा ने अपनी जनहित याचिका में यह सुझाव रखा था कि ड्रग सेवन करने वालों का पता ग्राम पंचायतों की मदद से लगाया जाए और फिर उनके अभिभावकों को उन्हें नशामुक्ति केन्द्र ले जाने के लिए तैयार किया जाए।