मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पहलू पर विचार किया गया कि पंजाब में संशोधन के बाद स्टाम्प ड्यूटी दरें पडौसी राज्य हरियाणा के मुकाबले अधिक हो जायेंगी लेकिन राज्य को जरूरी राजस्व जुटाने के लिए यह जरूरी था। स्टाम्प ड्यूटी दरें बढने से मौजूदा 50 करोड राजस्व बढकर 100 से 150 करोड रूपए तक पहुंच जाएगा। इससे पहले वर्ष 2009 में स्टाम्प ड्यूटी दरों में संशोधन किया गया था।
केबिनेट की मंजूरी के बाद अध्यादेश को अंतिम रूप देने के लिए विधि एवं प्रशासनिक विभाग को भेजा जाएगा और इसके बाद राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। केन्द्र सरकार द्वारा हाल में डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाए जाने के बाद जहां भाजपा शासित राज्यों ने भी अपने वैट में कटौती की थी। इसके साथ ही कांग्रेस शासित पंजाब पर भी दवाब था कि वह पेट्रोल-डीजल पर वैट में कटौती करे। लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने अधिकारियों के साथ मंथन के बाद ऐलान किया कि पेट्रोल-डीजल पर वैट नहीं घटाया जाएगा।