प्रत्येक विधायक से बात हो श्री बाजवा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी को दिल्ली बुलाकर एक-एक विधायक से बात करनी चाहिए। 90 फीसदी विधायक कैप्टन अमरिन्दर सिंह के खिलाफ हैं। बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रधान को न बुलाया जाए।
क्या है कारण पंजाब में जहरीली शराब से हुई 113 मौतों का मामला गर्म है। विपक्ष सरकार पर हमलावर है। मामला तब बिगड़ा जब जहरीली शराब के मामले में प्रताप सिंह बाजवा और राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को ज्ञापन दिया। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रताप सिंह बाजवा की सुरक्षा से राज्य पुलिस के छह जवान हटा लिए। इसके विरोध में बाजवा ने चंडीगढ़ (यूटी) के पुलिस महानिदेशक संजय बेनीपाल को पत्र लिखा है। इसमें कहा कि अगर मुझे या मेरे परिवार को कोई नुकसान हुआ तो इसके लिए मुख्यमंत्री पंजाब व डीजीपी पंजाब जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता को एक अन्य पत्र लिखकर बाजवा ने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर उनकी सुरक्षा वापस ली गई है। यह पेशेवर आईपीएस अधिकारियों के सिद्धांतों के खिलाफ है। पिछले 40 साल से उन्हें राष्ट्र विरोधी और कट्टरपंथी तत्वों से खतरा है। बाजवा ने पूछा कि अगर मुझे मिली केंद्रीय सुरक्षा के कारण राज्य की सुरक्षा हटाई गई है तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया को राज्य द्वारा सुरक्षा क्यों दी जा रही है। इन तीनों को भी केंद्र की सुरक्षा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब बाजवा के पत्र का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जवाब देते हुए कहा- अगर राज्य सरकार ने किसी बदले के लिए सुरक्षा हटानी होती तो बाजवा को केंद्रीय सुरक्षा मिलने तक का इंतजार न किया जाता। कोविड के कारण अब तक कई लोगों की सुरक्षा में लगे 6500 पुलिस कर्मियों को हटाया गया है। अगर बाजवा को शिकायत थी तो वह मुझे पत्र लिखते या दिल्ली में पार्टी हाईकमान से शिकायत करते।