कमीशन की रिपोर्ट लीक होने के बाद मौजूदा कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार की इस बात के लिए आलोचना की गई थी कि रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का नाम अभियुक्त के रूप में नही है। इसके बाद कमीशन ने पिछले 16अगस्त को पूरक रिपोर्ट पेश की थी। इस पूरक रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि कोटकपुरा में पुलिस फायरिंग के बारे में प्रकाश सिंह बादल को अवगत कराया गया था।
अमरिंदर सरकार ने सोमवार को कमीशन की पूरक रिपोर्ट स्वीकार कर ली। इस मामले में एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा गया है कि चूकि पहले ही मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया जा चुका है तो एजेंसी यह भी देखेगी कि क्या किसी अन्य व्यक्ति का भी इस कार्रवाई से सम्बन्ध था। पंजाब विधानसभा में सोमवार को एक्शन टेकन रिपोर्ट समेत कमीशन की रिपोर्ट के सभी चारों हिस्से सदन में पेश कर दिए गए। संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने इन्हें सदन में रखा। रिपोर्ट पर मंगलवार को चर्चा कराई जायेगी।
बता दें कि पंजाब विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है। सोमवार को सदन का दूसरा दिन था। इस बात का पहले ही अंदाजा लगा लिया गया था कि यह दिन हंगामे से भरा रहने वाला है। क्योंकि सरकार ने सिख हिंसा मामले की रणजीत सिंह कमीशन की पूरक रिपोर्ट के माध्यम से तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल और अकाली दल को घेरने की बना रखी थी। सरकार ने जहां इस रिपोर्ट को पेश किया वहीं अकाली दल के नेता इस दौरान हंगामा करते नजर आए। इसी बीच आम आदमी पार्टी के सुखपाल खैहरा ने चर्चा के लिए अलग मुद्या उठा दिया। सदन में यूं ही हंगामा चलता रहा और सुखपाल खैहरा गुट व अकाली-भाजपा गठबंधन ने सदन से वाकआउट कर दिया।
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