ये महिलाएं इंडिया में रहकर अपने बच्चों ( children ) का पालन-पोषण तो कर रही है, लेकिन इनका सामाजिक जीवन तबाह हो गया है। पीडित महिलाओं ने सरकार ( Government ) और समाज से समाधान के लिए कई बार प्रदर्शन भी किए है। पीडित महिलाओं के एक समूह ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में याचिका दाखिल कर आरोपी पतियों को गिरफ्तार करने एवं विदेश में मुकदमा लडऩे के लिए वित्तीय सहायता की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवम्बर में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में ऐसी असहाय महिलाओं को वित्तीय सहायता की योजना बनाने की मांग भी की गई थी।
इसी दौरान तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आश्वासन दिया था कि एनआरआई के शादी करने के बाद पत्नियों को बेसहारा छोड जाने की प्रवृत्ति रोकने के लिए कानून बनाया जाएगा। उन्होंने बताया था कि सरकार ने ऐसे मामलों की निगरानी के लिए एक मैकेनिज्म स्थापित किया है और ऐसे एनआरआई के पासपोर्ट ( passport ) जब्त किए गए हैं।