scriptस्वर्ण मंदिर में चली तलवारें, चार जख्मी | Swords in golden temple Amritsar four injured | Patrika News
चंडीगढ़ पंजाब

स्वर्ण मंदिर में चली तलवारें, चार जख्मी

श्री गुरु ग्रंथ साहिब के लापता पावन स्वरूपों के मामले में अलग-अलग पंथक संगठनों ने स्वर्ण मंदिर परिसर में एसजीपीसी के मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल के बाहर पक्का मोर्चा लगा रखा है।

चंडीगढ़ पंजाबSep 15, 2020 / 04:55 pm

Bhanu Pratap

Incident in Golden temple

श्री गुरु ग्रंथ साहिब के लापता पावन स्वरूपों के मामले में स्वर्ण मंदिर में चली तलवारें

अमृतसर/चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के लापता पावन स्वरूपों के मामले में अलग-अलग पंथक संगठनों ने स्वर्ण मंदिर परिसर में एसजीपीसी के मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल के बाहर पक्का मोर्चा लगा रखा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) कार्यालय के बाहर मोर्चा लगा हुआ था। मोर्टा हटाने के दौरान तलवारें चल गईं। चार लोग जख्मी हुए हैं।
मोर्चा हटाने के दौरान घटना

मंगलवार को एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने मोर्चा हटाने का प्रयास किया। मोर्चा लगाने वालो ने इसका विरोध किया। बस फिर क्या था, दोनों ओर से तलवारें निकल आईं। एक दूसरे पर तान लीं। शोर मच गया। तलवारबाजी में चार लोग घायल हुए हैं। एकदूसरे पर हमला का आरोप लगाया गया है।
Incident in Golden temple
सुखदेव सिंह ढींढसा का समर्थन

सिखों के साथ जुड़े इस संवेदनशील धार्मिक मामले में बादल परिवार से बागी होकर शिअद (डी) का गठन करने वाले सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने पंथक संगठनों के इस कदम का समर्थन किया है। ढींढसा इस मुद्दे को आगामी एसजीपीसी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाने की कवायद में जुट गए हैं। वहीं बादल परिवार से बागी होकर दिल्ली में जागो पार्टी का गठन करने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके भी इस मामले में एसजीपीसी के वर्तमान निजाम के साथ-साथ बादल परिवार पर निशाने साध रहे हैं। लापता स्वरूपों के मामले में शिअद (ब) उसी तरह पंथक कटघरे में खड़ा है, जैसे 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी व बहिबलकलां में गोलीबारी से दो सिख नौजवान के शहीद होने के मामले में था। इस घटना के बाद शिअद (ब) से पंथक वोट खिसक गया है, जिसके नतीजे में सुखबीर को 2017 विधानसभा चुनाव में कड़ी पराजय झेलनी पड़ी थी।
फैसले को पलटा

वहीं एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल द्वारा लापता पावन स्वरूपों के मामले में पंथक संगठनों की मांगों को स्वीकार करना एक बड़ी चुनौती है। लौंगोवाल पहले ही कार्यकारिणी के उस फैसले को पलट चुके हैं, जिसमें उन्होंने आरोपी एसजीपीसी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कानूनी और आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।

Home / Chandigarh Punjab / स्वर्ण मंदिर में चली तलवारें, चार जख्मी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो