अय्याकन्नू जो नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटर लिंकिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, ने कहा उत्तर प्रदेश से चुनाव लडऩे का निर्णय भाजपा को अपने घोषणापत्र में उनकी मांगों को शामिल करवाना है। 2017 में 100 दिनों से अधिक समय तक दिल्ली में आंदोलन करने वाले किसान नेता ने कहा कि वे अपने घोषणापत्र में आश्वासन देते हैं कि हमारी मांगें पूरी होंगी। हम मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे का अपना फैसला वापस ले लेंगे।
ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्होंने कहा कि वे आगे बढक़र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। अय्याकन्नू ने कहा चुनाव लडऩे के फैसले को हर जगह किसानों का समर्थन है। यह पूछे जाने पर कि वे भाजपा के साथ अकेले मांग क्यों उठा रहे थे और कांग्रेस जैसी अन्य पार्टियों ने भी इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया, उन्होंने कहा भाजपा अभी भी सत्ताधारी पार्टी है और मोदी प्रधान मंत्री हैं।
दरअसल सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के किसान कर्ज माफी को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले सप्ताह से एक बार फिर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। गौरतलब है कि गत साल के मार्च-अप्रैल महीने में कर्जमाफी की मांग को लेकर इन किसानों ने राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर मानव कंकाल के हिस्सों जैसी खोपड़ी और हड्डियों के साथ अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा था।
16 जुलाई को तमिलनाडु के किसान एक बार फिर लौट आए। इसके अलावा प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि देश के सभी किसानों को पेंशन दी जाए और उच्च लाभांश मिले। साथ ही कावेरी वाटर मैनेजमेंट बोर्ड बनाया जाए।