इसके लिए जिका ने भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सडक़ चेन्नई-बेंगलूरु औद्योगिक गलियारा (2015) के लिए व्यापक एकीकृत मास्टर प्लान की एक प्रमुख परियोजना है। इस परियोजना का आधार जापान एवं भारत सरकार के बीच समझौता है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद चेन्नई महानगर क्षेत्र में बढ़ते वाहनों के यातायात बोझ को आसान किया जा सकेगा। इससे अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। वाहन आसानी से एण्णूर पोर्ट पहुंच पाएंगे। इस परियोजना के तहत टाल मैनेजमेंट सिस्टम तथा हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया जाएगा।
इससे सुरक्षा, दक्षता तथा यात्रा को आरामदायक बनाया जा सकेगा। इन प्रणालियों से सडक़ पर चलने वालों को सडक़ यातायात से जुड़ी सटीक सूचना प्राप्त करने के बाद प्रोसेस कर समयबद्ध दी जाएगी। ओडीए ऋण समझौता हस्ताक्षर करने के मौके पर आर्थिक मामलों के विभाग (वित्त मंत्रालय) के एडिशनल सेक्रेटरी डा.सी.एस.मोहापात्रा तथा जिका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि कात्सुओ मात्सुमोटो उपस्थित थे। मात्सुमोटो ने इस मौके पर कहा कि चेन्नई में यातायात में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसका कारण तेजी से हो रहा शहरीकरण है।
लगातार हो रहे गंभीर यातायात जाम से व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। चेन्नई पेरीफेरल रिंग रोड के सेक्शन 1 ( कुल 24.52 किलोमीटर) में नादर्न पोर्ट एक्सेस रोड ( एण्णूर पोर्ट से ताचूर तक) इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य खंड है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना विकास को संबल प्रदान करेगी। साथ ही औद्योगिक विकास होगा।
इस परियोजना का निष्पादन राज्य सरकार के राजमार्ग एवं लघु बंदरगाह विभाग द्वारा किया जाएगा। 1981 के बाद जिका ने तमिलनाडु की 26 परियोजनाओं के लिए लोन की स्वीकृति दी है। जिका परिवहन, मेट्रो, सडक़ एवं बंदरगाह के अलावा स्वास्थ्य, वानिकी, जल एवं विद्युत आपूर्ति आदि क्षेत्रों में राज्य सरकार की मदद कर रहा है।