12 लोग संक्रमित होने का दावा
पूंदमल्ली निवासी शिवकुमार (३४) मलयमबाक्कम निवासी वेंजामीन (३१) ने सोशल मीडिया (व्हाट्सऐप) में एक मैसेज वायरल किया था कि पूंदमल्ली क्वाारनटाइन सेंटर में अंतरराष्ट्रीय उड़ान और दूसरे शहरों से टे्रनों से आने वाले यात्रियों में कोरोना वायरस के लक्षण मिलने वाले ४१ लोगों को रखा गया था। इन दोनों ने अफवाह फैलाया कि ४१ संदिग्धों में से १२ संदिग्धों में कोरोना वायरस के विषाणु होने की पुष्टि हुई है अर्थात सेंटर में रखे गए १२ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित है लेकिन सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या नहीं बता रही है।
सरकार पर दवाब
उन्होंने मैसेज में सरकार विषेशकर स्वास्थ्य विभाग और मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर मरीजों की संख्या की घोषणा करने की अपील करने की बात कहीं। यहीं नहीं इन दोनों ने व्हाट्सऐप पर लोगों को उनके मुहिम में शामिल होने की अपील की ताकि सरकार की नाकामी बाहर आए और लोगों को सच का पता चले। इस गलत मैसेज की जानकारी जैसे ही लगी तो मैसेज करने वाले की तलाश की गई।
पुलिस व साइबर क्राइम ने दबोचा
पुलिस ने बताया कि गलत मैसेज वायरल होते ही पूंदमल्ली पुलिस ने मैसेज भेजने वाले की तलाश शुरू कर दी लेकिन काफी प्रयास के बावजूद वे उन्हें नही ंढुंढ नहीं पाए। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस की मदद ली और स्थानीय पुलिस और साइबर क्राइम पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में दोनों आरोपियों को ढुंढ निकाला और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील भी की है कि वह कोई भ्रामक जानकारी न फैलाएं और अफवाहों से सावधान रहें। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया की निगरानी भी की जा रही है।
छुट्टी नहीं मिली तो फैला दी अफवाह
पुलिसिया पूछताछ में दोनों ने बताया कि महानगर में सड़के, मॉल, सिनेमा थिएटर सभी बंद है और पूरा महानगर खाली चााली हो गया। कोरोना वायरस के भय के बावजूद उन्हें कार्यालय से छुट्टी नहीं मिल रही थी इसलिए दोनों ने दहशत फैलाने के लिए गलत मैसेज सोशल मीडिया के माध्यम से फैला दिया।