शुक्रवार सुबह जब इन लोगों को वहां भेजना शुरू किया उस समय आयुक्त डी कार्तिकेयन और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे। महानगर नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी तीन लॉरियों से लोगों को उनके सामान के साथ तिरुमइसै नगर ले गए। वहां इन सभी परिवारों को मेडिकल सुविधा, भोजन और अन्य सुविधा मुहैया कराई जाएगी। टीएनएचबी ने १६ लाख रुपए की लागत से एक इमारत का निर्माण किया गया है जिसमें ३४७ फ्लैट बनाए हैं जिनमें इन परिवारों को रखा जाएगा।
जरूरत पडऩे पर अन्य इमारत का निर्माण और कराया जाएगा। सभी लोगों को मकान सुनिश्चित कराने के लिए एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी सरकार को रिपोर्ट देगी। २०१५ में चेन्नई में आई भयंकर बाढ़ के बाद कूवम नदी के किनारे बसे परिवारों को नियमित अंतराल के बाद अन्य सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जा रहा है। इससे पहले भी अडयार नदी के किनारे बसे परिवारों को दूसरे जगह विस्थापित किया जा चुका है। इससे पूर्व वर्ष २०१५ में अडयार नदी के किनारे बसे पांच हजार लोगों को पेरुम्बाक्कम में विस्थापित किया गया।
ज्ञातव्य है कि २०१५ में आई भयंकर बाढ़ में सैैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। भयंकर बाढ़ से नदी का पानी ओवरफ्लो हो गया था और लोगों के घरों में घुस गया था। बाढ़ में अनेक बुजुर्गों की मौत हो गई थी।
महानगर निगम आयुक्त डी. कार्तिकेयन कूवम नदी किनारे बसे एक परिवार को सामान के साथ रवाना करते हुए।
चंद्रप्रभु जैन कॉलेज में क्षमापना दिवस
मिंजूर स्थित श्री चंद्रप्रभु जैन कॉलेज में सोल्लास क्षमापना दिवस मनाया गया। इसमें कई महाविद्यालयों के विद्यार्थी शामिल हुए। प्राचार्य मेजर डा. वेंकटरमणन ने स्वागत भाषण में कहा कि क्षमा सभी धर्मों का मूल तत्व है। मुख्य अतिथि डा. एच. कुशल व विशिष्ट अतिथि झूमरलाल जैन व राजेंद्र दुग्गड़ ने क्षमादान पर अपने विचार रखे। कॉलेज के संयुक्त सचिव ललित कुमार जैन ने कहा कि क्षमा सभी समस्याओं का विकल्प है।
इस दौरान आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाली छात्रा जीनल जैन ने कहा कि द्वेष इंसान को हैवान बना देता है। द्वितीय पुरस्कार आकाश स्वामीनाथन को मिला।
मुख्य अतिथि डा. एच. कुशल ने इनको पुरस्कार देते हुए कहा कि क्षमा करना सबसे बड़ा परोपकार है। मिराली मेहता के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।