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चेन्नई

पांच से भी कम विद्यार्थी होने पर राज्य के ४१० सरकारी स्कूल हो सकते हैं बंद

410 schools with less than 5 students may be closed
पांच से भी कम विद्यार्थी होने पर राज्य के ४१० सरकारी स्कूल हो सकते हैं बंद

चेन्नईDec 08, 2019 / 05:46 pm

Vishal Kesharwani

पांच से भी कम विद्यार्थी होने पर राज्य के ४१० सरकारी स्कूल हो सकते हैं बंद

पांच से भी कम विद्यार्थी होने पर राज्य के ४१० सरकारी स्कूल हो सकते हैं बंद

पांच से भी कम विद्यार्थी होने पर राज्य के 410 सरकारी स्कूल हो सकते हैं बंद
चेन्नई. वित्तीय शैक्षणिक वर्ष में राज्य की स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए गए राज्यव्यापी गणना के बाद राज्य के 410 ऐसे स्कूलों की पहचान की गई है जिसमें सिर्फ ५ या उससे कम विद्यार्थी हैं जिसे बंद कर पास के अन्य शिक्षण संस्थानों में बच्चों को भेजने को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। विभागीय निर्देश के आधार पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 2 हजार विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक स्कूलों की पहचान भी की है। आगामी शैषणिक वर्ष में विद्यार्थियों को पास के स्कूलों के लिए परिवहन सुविधा भी प्रदान की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि पांच बच्चों के साथ स्कूलों का खर्च वहन करने से बेहतर बच्चों को परिवहन की सुविधा प्रदान की जाए। इसके अलावा राज्य सरकार इन स्कूलों को अस्थाई तौर पर बंद कर बच्चों की संख्या में वृद्धि होने के बाद खोलने का विचार कर रही है।

 

विलय को लेकर अगले साल लिया जाएगा निर्णय

इन स्कूलों के विलय को लेकर अगले साल निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के.ए. सेंगोट्टयन ने कहा था कि पांच से कम बच्चों के साथ संचालित हो रहे स्कूलों पर राज्य सरकार द्वारा १० लाख खर्च किया जाता है। एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि राज्य में २४ हजार ३२१ सरकारी स्कूलों का संचालन होता है जिसमें से 1 हजार 531 स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 10 से भी कम है। इस साल बिना विद्यार्थी के ५० स्कूलों को पुस्तकायल में परिवर्तित भी किया गया है।

 

शिक्षकों का कहना है कि कक्षा और शिक्षकों की कमी समेत अन्य कारणों से दिन पर दिन विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है। ऐसे में स्कूलों के विकास के लिए लंबी योजना बनाने की जरूरत है। अगर राज्य सरकार द्वारा स्कूल में पांच कक्षा, पांच विषय के शिक्षक, साफ सुथरे बाथरूम, मैदान और परिवहन की सुविधा प्रदान की जाए तो विद्यार्थियों की संख्या अपने आप ही बढ़ जाएगी। एक दूसरे शिक्षक ने कहा कि अभिभावक भी जिन स्कूलों में दो या एक शिक्षक होते है उन स्कूलों में दाखिला कराने से कतराते हैं।

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