शोभायात्रा में श्री सुपाश्र्वनाथ जैन सेवा मंडल, भक्ति मंडल, बालिका मंडल और संस्कार वाटिका के बच्चों ने भाग लिया। मंदिर परिसर स्थित सभागार में जैन समाज की धर्मनिष्ठा और आचार्य के प्रति अगाध श्रध्दा का आलम यह था कि सभागार में तिल रखने की जगह नहीं थी। जो सभागार में नहीं पहुंच पाए वे बाहर से ही धर्मसभा की झलक लेने को बेताब दिखाई दिए। इस दौरान विभिन्न चढ़ावों में श्रध्दालुओं ने जमकर बोलियां लगाईं। धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि अर्थ ही तमाम अनर्थों का मूल है। यदि धन को पुण्यार्जन के कार्य में निवेश किया जाए तो यह सार्थक हो जाता है। मंदिर को ‘नेटवर्कÓ व पेढ़ी को ‘वाई-फाईÓ बताते हुएउन्होंने कहा कि जिनको अपनी पेढ़ी सही दिशा में चलानी है वे परमात्मा की पेढ़ी में नाम लिखाने का मौका नहीं चूकें। संघ के अध्यक्ष बाबूलाल मेहता ने स्वागत किया। संचालन प्रकाश सिंघवी ने किया। सचिव राकेश बाफना, कोषाध्यक्ष अशोक लुणिया ने आगंतुकों का सम्मान किया। धर्मसभा में बेंगलूरु, चेन्नई, ईरोड़ के साथ ही अनेक शहरों से आए श्रध्दालु उपस्थित थे।
कोयम्बत्तूर. बाल श्रम को समाप्त करने और इसके प्रति जनता को जागरुक करने के लिए रविवार को शहर में मैराथन का आयोजन किया गया। बड़ी सं या में हर आयु -वर्ग के लोगों ने उत्साह के साथ मैराथन में भागीदारी की। क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण के साथ नगर निकाय मंत्री एसपी वेलुमणि ने हरी झण्डी दिखा कर धावकों को रवाना किया। आयु के हिसाब से
मैराथन 10 किलोमीटर, पांच, तीन और एक किलोमीटर की आयोजित की गई। धावक पीआरएस मैदान से बालसुंदरम रोड, अविनाशी रोड, रेस कोर्स, नेहरू स्टेडियम होते हुए पीआरएस मैदान पहुंचे। विभिन्न श्रोणियों में २४ विजेताओं को पुरस्कार स्वरुप दो लाख रुपए नकद दिए गए।